कर दायरा बढ़ने से दरें घट सकती हैं : वेंकैया

नई दिल्ली, 31 जनवरी| केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि अधिक लोगों के कर दायरे में आने के साथ कर दरों में ‘स्वत: कमी हो सकती है।’ संसद में बजट सत्र शुरू होने से पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत में नायडू ने कहा कि नोटबंदी प्रधानमंत्री का एक क्रांतिकारी कदम था और उसका प्रभाव अच्छा होगा।

उन्होंने कहा, “दीर्घकाल में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आ रहे हैं। इससे राजस्व बढ़ेगा और कर दरें संभवत: स्वत: कम हो जाएंगी।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “यह अर्थव्यस्था के लिए अच्छा संकेत है और गरीब लोग व करदाताओं को खुशी से भी अधिक की अनुभूति होगी।”

बजट सत्र के दौरान सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की उम्मीद करते हुए नायडू ने उनसे इस अवसर का उपयोग एक ज्यादा रचनात्मक बहस के लिए करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि हमारे पास एक अर्थपूर्ण सत्र होगा। राष्ट्रपति ने जो कुछ कहा उसे मैं दोहराता हूं: चर्चा, बहस, निर्णय करें, कार्यवाही बाधित नहीं करें।”

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी नहीं होने वाली टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मनमोहन सिंह के काल में अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं थी। हमें राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा, व्यापार घाटा, चालू खाता का घाटा और सबसे ज्यादा विश्वास का घाटा विरासत में मिला था।”

नायडू ने कहा, “वहां से हम आगे बढ़े हैं और देश को 7 प्रतिशत विकास दर, न्यूनतम मुद्रा स्फीति दर और सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार दिए हैं। इससे अधिक आप क्या चाहते हैं?”

उन्होंने कहा कि पहली बार विकास के लाभ गरीबों तक पहुंच रहे हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री ने गरीब समर्थक विकासात्मक कदम उठाए हैं।

सिंह ने सोमवार को भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक दस्तावेज जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था की सेहत ठीक नहीं है।  –आईएएनएस