श्रीनगर, 21 जुलाई | कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा बंद के मद्देनजर गुरुवार को लगातार 13वें दिन भी कर्फ्यू जारी है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और कश्मीर मामलों के प्रभारी राम माधव, महबूबा के साथ घाटी में स्थिति पर चर्चा के लिए यहां पहुंच गए हैं।
अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासिन मलिक ने बुधवार को बंद की अवधि बढ़नो का आह्वान किया। इसके बाद अब घाटी में सोमवार तक बंद रहेगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “हिंसा से बचने के लिए घाटी के अधिकांश हिस्सों में आज (गुरुवार) कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है।”
राज्य सरकार ने हालांकि चार जिलों गांदेरबल, बडगाम, बांदीपोरा और बारामूला में स्कूल खोलने का फैसला किया है।
एक अधिकारी ने बताया, “कर्फ्यू के दौरान शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों को कार्यस्थलों तक जाने के लिए उनके पहचान पत्रों को कर्फ्यू पास की तरह समझा जाएगा।”
गौरतलब है कि घाटी में पांच दिनों तक स्थानीय समाचार पत्रों और अंग्रेजी के समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद रहने के बाद गुरुवार यह कुछ शर्तो के साथ शुरू हो गया।
समाचार पत्र के संपादकों ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक के बाद समाचार पत्रों का प्रकाशन शुरू करने का फैसला किया। महबूबा ने प्रशासन द्वारा समाचार पत्रों के प्रकाशन पर प्रतिबंध के फैसले पर खेद जताया।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में किसी भी स्थान पर भीड़ द्वारा पथराव की कोई बड़ी घटनाएं नहीं हुई।
नेशनल कांफ्रेस पार्टी ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। महूबबा ने इस तनाव को समाप्त करने के लिए चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके दो सहयोगियों की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही यहां हिसा का माहौल है। इसमें 45 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें 43 नागरिक और दो पुलिसकर्मी हैं।–आईएएनएस
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