उड़ी/नई दिल्ली, 18 सितम्बर | पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के आतंकियों ने जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में रविवार सुबह ब्रिगेड मुख्यालय के पास एक सैन्य शिविर पर हमला किया, जिसमें 17 जवान शहीद हो गए।
जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने सभी चार आतंकवादियोंको मार गिराया। यह एक दशक में सैन्य शिविर पर हुआ यह सबसे भीषण आतंकी हमला है। इस बीच, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर एवं सेना प्रमुख दलबीर सिंह श्रीनगर पहुंच गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में 24 से अधिक जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों में कुछ की हालत बेहद नाजुक है। उन्हें यहां से 70 किलोमीटर दूर श्रीनगर में अस्पताल में भर्ती किया गया है।
उड़ी में सेना के एक शिविर पर 18 सितम्बर , 2016 को आतंकवादियों ने ग्रेनेड से हमला किया। शिविर के ऊपर धुंए का बादल। फोटोःआईएएनएस
हमला रविवार सुबह 5.30 बजे हुआ, जब आतंकवादियों ने उड़ी कस्बे के पास सेना की 12 ब्रिगेड के मुख्यालय के निकट एक सैन्य शिविर को निशाना बनाया।
सेना के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों और जवानों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई, जो करीब ढाई घंटे चली। सभी चारों आतंकी मुठभेड़ में ढेर हो गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कायराना आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और राष्ट्र को भरोसा दिलाया कि जो इस घृणित हमले के दोषी हैं, उन्हें दंडित किए बगैर नहीं छोड़ा जाएगा।
मोदी ने यह कहने से परहेज किया कि इस हमले के लिए कौन जिम्मेदार है, लेकिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को जिम्मेदार बताया।
गृहमंत्री ने ट्वीट किया, “मैं आतंकवाद और आतंकी समूहों को पाकिस्तान के लगातार और सीधे समर्थन से बहुत निराश हूं। पाकिस्तान एक आतंकी देश है और उसकी पहचान इसी तरह होनी चाहिए और उसे अलग-थलग किया जाना चाहिए।”
डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने दिल्ली में कहा कि मारे गए आतंकियों के पास से सेना को कुछ पाकिस्तान के निशान वाले सामान मिले हैं।
उन्होंने कहा, “सभी आतंकी विदेशी थे और जैश-ए-मुहम्मद से संबद्ध थे।”
उड़ी जम्मू एवं कश्मीर को भारत और पाकिस्तान में बांटने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगा हुआ है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, आतंकी सैन्य शिविर में कंटीले तारों को काटकर पीछे से घुसे थे। इससे संतरियों को सचेत होने का मौका नहीं मिला।
शिविर में घुसने के बाद आतंकियों ने एके-47 से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद वे अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने के लिए तेजी से अलग-अलग दिशाओं में फैल गए।
आतंकियों ने उन तंबुओं पर ग्रेनेड फेंके, जिनमें सैनिक सोए हुए थे। जनरल रणबीर सिंह ने बताया कि 17 में से कम से कम 14 सैनिकों की मौत आतंकियों के फेंके ग्रेनेड से तंबुओं में लगी आग की वजह से हुई।
हमले के समय शिविर में कितने सैनिक थे, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन, एक सूत्र का अनुमान है कि वहां 200 सैनिक रहे होंगे। इंफेंट्री बटालियन के अधिकांश सैनिकों की तैनाती नियंत्रण रेखा पर है।
इस हमले के बाद आकाश में बहुत गहरा काला धुआं देखा गया।
उधमपुर स्थित उत्तरी कमान ने एक संक्षिप्त बयान में कहा है, “भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने उड़ी में सैन्य इकाई के प्रशासनिक अड्डे को निशाना बनाया।”
बयान में कहा गया है कि जवाबी कार्रवाई में चार आतंकी ढेर कर दिए गए और तलाशी अभियान अभी जारी है।
बयान में कहा गया है कि प्रशासनिक अड्डे पर सैन्य इकाइयों की क्षमता अधिक है। सैनिक ड्यूटी से आने के बाद तंबुओं/अस्थाई ठिकानों में रुके हुए थे। उनमें आग लग गई, जिसके परिणामस्वरूप हताहतों की संख्या ज्यादा हो गई।
बयान में कहा गया है, “हम शहीद हुए 17 सैनिकों के बलिदान को सलाम करते हैं।”
गैर-सरकारी सूत्रों के अनुसार, शहीद होने वाले अधिकांश जवान बिहार रेजिमेंट से हैं। दो सैनिक डोगरा रेजिमेंट के भी शहीद हुए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ हालांकि बंद हो गई है, पर इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका के मद्देनजर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
फिलहाल किसी आतंकवादी गिरोह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पर, कुछ रपट के अनुसार, आतंकवादियों ने हाल ही में पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा से सटे भारतीय इलाके में घुसपैठ की थी।
जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि है कि इस हमले का मकसद कश्मीर में ताजा हिंसा को भड़काना और इस क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात पैदा करना है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए ट्वीट किया है, “उड़ी हमला भारत और पाकिस्तान में बढ़ती दुश्मनी के बीच तनाव बढ़ाने और जम्मू एवं कश्मीर में व इसके आस-पास माहौल को और दूषित करने लिए है।”
हमले में घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से उड़ी से 70 किलोमीटर दूर श्रीनगर स्थित सेना के बेस अस्पताल ले जाया गया है।
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका और रूस का अपना दौरा रद्द कर दिया है, जो रविवार से ही शुरू होने वाला था। उन्होंने हमले पर चर्चा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।
राजनाथ ने ट्वीट किया, “उड़ी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति को देखते हुए मैंने रूस और अमेरिका का दौरा स्थगित कर दिया है।”
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध और खराब होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा, “ऐसे आतंकी हमले का जवाब नहीं देना कायरता होगी।”
सेना के एक विशेषज्ञ एवं सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल राज कादयान ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का यही समय है। जवाब कड़ा होना चाहिए। (आईएएनएस)
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