जम्मू, 9 सितंबर | जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर का मुद्दा बहुआयामी है और इसके हल के लिए कई स्तरों पर लगातार गंभीर प्रयास की जरूरत है। रातोरात इसका हल नहीं निकल सकता। उन्होंने कहा, “यह एक जटिल समस्या है और मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री इस बहुआयामी चुनौतियों का हल रातोरात नहीं निकाल सकते।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “इसे हल करने के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर एक संस्थागत प्रक्रिया के जरिए एक गंभीर और समावेशी प्रयास की जरूरत है।”
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के जम्मू एवं कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक राय वाले लोगों तक पहुंचने के प्रयास की सराहना की और कहा कि यह भारत के जीवंत लोकतंत्र के सार को दिखाता है।
फाइल फोटो : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
उन्होंने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए दरवाजे बंद करने से किसी तरह की मदद नहीं मिलने जा रही है।
अंधेरे में बैठे रहने की बजाय, अलगाववादियों को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मिलना चाहिए और मुद्दे के समाधान के लिए अमल में लाए जाने वाले रास्ते बताने चाहिए।
उन्होंने कहा, “वार्ता से दूर होने पर एक संदेश चारों तरफ गया है कि आगे आकर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की जगह अलगाववादी लोगों के दुखों को खत्म करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ”
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है, बल्कि बातचीत प्रक्रिया में विश्वास के जरिए ही मुद्दे का हल निकाला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ संबंधों का प्रभाव राज्य की हालत पर प्रभाव डालता है। इस बात को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मुफ्ती मोहम्मद सईद अच्छी तरह से समझते थे, जिन्होंने बिना थके विश्वास बहाली के उपायों से आंतरिक और बाहरी मोर्चे पर काम किया।–आईएएनएस
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