नई दिल्ली, 12 जुलाई | सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू एवं कश्मीर से संबंधित एक याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं का लाभ जम्मू एवं कश्मीर की बहुसंख्यक आबादी यानी मुसलमानों को लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। शीर्ष न्यायालय ने जम्मू एवं कश्मीर राज्य और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को भी नोटिस जारी किया है।
अंकुर शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में न्यायालय से कहा गया है कि जम्मू एवं कश्मीर की आबादी में 68 प्रतिशत मुसलमान हैं और इस लिहाज से वे राज्य में अल्पसंख्यक नहीं हैं। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस जारी किया।
याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि राज्य की बहुसंख्यक आबादी को अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के 15 सूत्री दिशानिर्देशों के तहत दिए जाने वाले लाभ भी नहीं दिए जाने चाहिए।
शर्मा ने अदालत को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई भी राज्य अल्पसंख्यक आयोग नहीं है।
हालांकि न्यायालय ने केंद्र को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है, लेकिन उसने जम्मू एवं कश्मीर की बहुसंख्यक आबादी को केंद्रीय योजनाओं से मिल रहे लाभ को रोकने के लिए कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इंकार कर दिया है।
–आईएएनएस
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