कश्मीर हिंसा में 32 मरे, राजनाथ ने विपक्ष से चर्चा की

नई दिल्ली, 11 जुलाई | कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद भड़की हिंसा में अबतक मृतकों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई नेताओं से मुलाकात की और जम्मू एवं कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा की।

घाटी के कुछ हिस्सों में अधिक हिंसा के डर के बीच तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी है, जबकि सोमवार को सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रा फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि सोमवार को दक्षिण और उत्तरी कश्मीर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क उठी। हिंसा से मुख्यमंत्री का गृहनगर भी अछूता नहीं रहा।

सूत्रों के मुताबिक, आक्रोश भरी भीड़ ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के लस्सीपुरा में एक पुलिस चौकी में आग लगा दी। उत्तरी कश्मीर के सोपोर शहर में एक अन्य पुलिस शिविर को भी आग के हवाले कर दिया गया।

गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “गृहमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित कई नेताओं से कश्मीर मसले पर चर्चा की। गृहमंत्री ने ऐसा करते हुए कश्मीर घाटी में शांति कायम करने के उद्देश्य से सभी संबंधित पक्षों तक पहुंचने की कोशिश की है।”

गृहमंत्री ने सभी दलों से कश्मीर मसले पर ‘एक स्वर में आवाज उठाने’ की अपील की। शुक्रवार को वानी की मौत के बाद से ही कश्मीर घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है।

ज्ञात सूत्रों से आईएएनएस को मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में 31 प्रदर्शनकारी और एक पुलिस वाहन का चालक शामिल शामिल है। जबकि पुलिस ने मृतकों की संख्या 23 बताई है। अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में ये मौतें हुई हैं।

पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का गृहनगर भी हिंसा से अछूता नहीं रहा।

कर्फ्यूग्रस्त घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों के दौरान पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए एक 13 वर्षीय किशोर की सोमवार को यहां एक अस्पताल में मौत हो गई।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि शनिवार को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के एक गांव में शाहिद गुलजार पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गया था। उसने एसएमएचएस अस्पताल में दम तोड़ दिया है।

शब्बीर अहमद श्रीनगर का पहला शख्स है, जिसकी प्रदर्शनों के दौरान घायल होने के बाद रविवार शाम मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में शुक्रवार को गुस्साई भीड़ ने तीन पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था, लेकिन बाद में पुलिसकर्मी सकुशल लौट आए। हालांकि, उनके हथियार छीन लिए गए।

उग्र भीड़ ने चार पुलिस थानों, 36 प्रशासनिक कार्यालयों और दर्जनभर वाहनों को नष्ट कर दिया है।

इन झड़पों में कुल 102 नागरिक और 100 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं।

प्रशासन ने सैयद अली गिलानी और मीरवाइज उमर फारूख सहित सभी वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर रखा है। राज्य सरकार ने रविवार को उनसे स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग की अपील की।

इस बीच, सरकार ने अमरनाथ तीर्थयात्रा फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी, जो बीते तीन दिनों से निलंबित थी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोगों से जम्मू एवं कश्मीर में शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विगत दो दशकों में राज्य में जो राजनीतिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं, उसे हाथ से निकलने नहीं देना चाहिए।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर में प्रदर्शकारियों के ‘क्रूर दमन’ की निंदा की। पार्टी ने कहा कि जो पत्थर फेंकने वाले युवाओं की गोली मारकर हत्या करते हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।

–आईएएनएस