भुवनेश्वर, 14 अक्टूबर | अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहने वाले सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मरक डेय काटजू ओडिशा विरोधी टिप्पणी को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। प्रदेश के खिलाफ उनकी टिप्पणी की ओडिशा के लोगों ने तीखी आलोचना की है। काटजू ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया, “मुझे उड़िया लोगों के बारे में लिखने के लिए कहा गया। उन दरिद्रों के बारे में लिखने के लिए है क्या? जब से कलिंग की लड़ाई में अशोका के हाथों उन्हें पराजय मिली है, तब से वे उठ नहीं पाए।”
उन्होंने लिखा, “अब उन सभी के पास बर्तन (पात्रा), बड़े बर्तन (महापात्रा) और कथित तौर पर प्रतिभाशाली राजा (पटनायक) हैं। निश्चित तौैर पर उनके पास भगवान जगन्नाथ हैं, जिनसे वह निकृष्ट बिहारियों से बदला लेने के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करते हैं।”
काटजू की इस टिप्पणी की पूरे राज्य में आलोचना हो रही है। शहर में उनके खिलाफ बैनर लगाए गए हैं। पुरी व भुवनेश्वर में कई जगहों पर उनके पुतले जलाए गए हैं।
पुरी में ‘जगन्नाथ सेना’ ने जगन्नाथ मंदिर के सामने विरोध-प्रदर्शन किया और काटजू का पुतला जलाया। वहीं, भुवनेश्वर में मास्टर कैंटीन छाक में उनका आदमकद पुतला जलाया गया।
प्रदर्शनकारियों ने उड़िया लोगों व भगवान जगन्नाथ के खिलाफ टिप्पणी के लिए काटजू से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने विश्वभूषण हरिचंद्रण ने कहा, “काटजू को ओडिशा के इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है, जिसके कारण वह इस तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। कोई भी टिप्पणी करने से पहले उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है।”
प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद बैजयंत पांडा ने कहा, “मूर्खतापूर्ण और बचकाना टिप्पणी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करना चाहिए।”
काटजू की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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