काबुल (Kabul) से मंगलवार सुबह 78 नागरिकों को भारत लाया गया। इससे पहले लगभग 600 लोगों को काबुल से निकाला जा चुका है।
सरकार ने 24 अगस्त 2021 को सुबह एक ट्वीट में जानकारी दी है कि युद्धग्रस्त काबुल से 25 भारतीय नागरिकों सहित 78 और लोगों को निकाला गया है।
विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर संसद भवन एनेक्सी में 26 अगस्त को सुबह 11 बजे राजनीतिक दलों के संसदीय नेताओं को अफगानिस्तान की ताजा स्थिति की जानकारी देंगे।
काबुल (Kabul) से तीन श्री गुरु ग्रंथ साहिब और 46 भारतीय पासपोर्ट धारक आज भारत आएंगे। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष और अकाली दल के नेता मनजिंदर एस सिरसा ने यह जानकारी दी है।
सिरसा ने कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति काबुल में अल्पसंख्यक लोगों के संपर्क में है, जो जो अफगानिस्तान को छोड़कर आना चाहते हैं।
भारत अमेरिका और कई अन्य मित्र देशों के समन्वय से निकासी मिशन चला रहा है।
भारतीय अधिकारियों का एक छोटा समूह काबुल (Kabul) हवाई अड्डे पर निकासी अभियान का समन्वय कर रहा है। भारतीयों के एक और जत्थे को जल्द ही अफगानिस्तान की राजधानी से वापस लाए जाने की उम्मीद है।
भारत ताजिकिस्तान में दुशांबे और कतर के जरिए अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट कर रहा है।
विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में सभी भारतीय नागरिकों से सहायता की आवश्यकता वाले अपने विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ से तत्काल संपर्क करने का आग्रह किया है। इसने अफगानिस्तान से प्रत्यावर्तन और अन्य अनुरोधों के समन्वय के लिए विशेष अफगानिस्तान सेल की स्थापना की है।
15 अगस्त को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करना एक सैन्य हमले की परिणति थी जो मई 2021 में अफगान सरकार के खिलाफ शुरू हुई थी। राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के कुछ घंटे बाद यह कब्जा हुआ।
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