नई दिल्ली, 02 मार्च (जनसमा)। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने काला धन रखने वालों से साफ कहा है कि काला धन घोषित करने का मौका कोई माफी नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे धन का ब्यौरा देने पर सामान्य दर 30 प्रतिशत की जगह 45 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। जेटली ने बुधवार को उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के साथ बजट बाद बातचीत के दौरान यह बातें कहीं।
आकाशवाणी समाचारों के अनुसार जिन लोगों ने अब तक आय और सम्पत्ति घोषित नहीं की है, उनको पहली जून से तीस सितम्बर तक चार महीने का समय दिया जा रहा है। घोषणा करने के दो महीने के अन्दर कर का भुगतान करना होगा। उन्हें 30 प्रतिशत की दर से सामान्य कर और 15 प्रतिशत दंड और सरचार्ज देना होगा। जेटली ने कहा कि इसके बावजूद जिस आय का ब्यौरा नहीं दिया जाता है, उस पर सामान्य कर से पचास प्रतिशत अधिक कर देना होगा।
पिछली तारीख से लगने वाले कर से जुड़े विवादों के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार ने पिछली तारीख से लगने वाले कर से जुड़े विवादों के लिए कानूनी व्यवस्था से इसके समाधान के कदम उठाए हैं। पिछली तारीख से लगने वाले कर का सामना कर रही कंपनियों को मौका दिया गया है कि वे मूल कर के भुगतान से ब्याज और जुर्माने में छूट का लाभ उठा सकें।
केन्द्रीय बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिए जाने के बारे में जेटली ने बताया कि सरकार ने ग्रामीण सड़कों, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विशेष प्रावधान किये हैं तथा सिंचाई कार्यक्रमों और स्वच्छ भारत अभियान पर ध्यान केन्द्रित किया है।
जेटली ने यह भी कहा कि मनरेगा योजना के लिए आवंटन का पिछले वर्ष पूरी तरह इस्तेमाल हुआ, जबकि पिछले वर्षों में ऐसा नहीं हुआ था।
वित्तमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर सात दशमलव सात पांच प्रतिशत से भी अधिक हो सकती है।
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