भोपाल, 14 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा ने कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने की दृष्टि से पुख्ता रणनीति तैयार की जाए। इसके लिए स्थानीय परिस्थितियों के मद्देनजर जिलेवार योजना तैयार की जानी चाहिए। मीणा सोमवार को जबलपुर में संभाग के जिलों के सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे।
मीणा ने कहा कि कलेक्टर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि फसल कटाई के आँकड़े पूरी तरह सही हों। उन्होंने कहा कि सभी किसानों को बीमा कव्हरेज में लाया जाये। उन्होंने संभाग में खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी ली। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि कृषि यंत्रों का ऑनलाइन पंजीयन आरंभ किया गया है। इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसान लाभान्वित हो सकेंगे। मीणा ने कलेक्टर्स से अपेक्षा की कि वे नियमित अन्तराल में स्थिति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि आदतन कानून का उल्लंघन कर अमानक खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। मीणा ने फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की।
प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने जिलेवार भूमि-उपयोग के वर्गीकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में सिंचित रकबा कम है वहाँ रकबा बढ़ाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार किसानों की हरसंभव मदद के लिए कृत-संकल्पित है। उन्होंने जिलों के फसल कटाई प्रयोगों की भी समीक्षा की। बैठक में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के सैम्पल और उनके विश्लेषण से सामने आए नतीजों पर भी चर्चा की गई।
प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी ने विभिन्न जिलों में खरीफ फसल अल्पावधि ऋण वितरण की जानकारी ली। केसरी ने संभाग के कुछ जिलों में किसान क्रेडिट-कार्ड के वितरण पर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत बतायी।
बैठक में मौजूद जिला कलेक्टरों ने पाँच वर्ष में किसानों की आय दोगुनी करने का रोडमेप प्रस्तुत किया। छिंदवाड़ा जिले में दलहन विकास की नई रणनीति और कटनी जिले में फसलों की प्रस्तावित उत्पादकता वृद्धि और वैज्ञानिक तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही गई।
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