वाराणसी 22, फरवरी (जनसमा)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी भी दीक्षांत समारोह को शिक्षा की समाप्ति नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के भीतर छात्र को हमेशा जिंदा रखा जाना चाहिए।
वे आज वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह में दीक्षांत भाषण दे रहे थे।
विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने उन्हें दूरदर्शी बताया जो राष्ट्र निर्माण के लिए ज्ञान या मूल्यों से युक्त लोगों का एक समर्पित एवं सक्षम समूह बनाना चाहते थे।
प्रधानमंत्री ने छात्रों से विपरीत परिस्थितियों का भी धैर्य के साथ सामना करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश और दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने लाल रक्त कोशिकाओं की कमी (सिकल सेल एनीमिया), ग्लोबल वार्मिंग और सौर ऊर्जा का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समारोह में मौजूद सरकार द्वारा संचालित निकटवर्ती स्कूलों के बच्चे उनके विशेष मेहमान हैं। उन्होंने पदक विजेताओं से इन बच्चों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया, ताकि वे भी कोई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित हो सकें।
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