शिमला, 15 अप्रैल (जनसमा)। पिछले कुछ समय से देश में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता धर्म, जाति और भाषा के आधार पर पक्षपात की अनुमति नहीं देती। यह देखा गया है कि कुछ लोग देश में विभाजक राजनीति कर रहे हैं और उन्हें इससे बचना चाहिए, क्योंकि इस प्रकार की राजनीति किसी भी मायने में देश हित में नहीं है।
गुरुवार को ऊना जिला के चिंतपूर्णी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत अम्ब में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और जो लोग धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर देश को बांटना चाहते हैं वे देश के हितैषी नहीं हैं।
वीरभद्र ने कहा कि कांग्रेस पार्टी धर्म, जाति और क्षेत्र की राजनीति में विश्वास नहीं रखती और पार्टी के लिए समूचा भारत एक है, जिसमें हर नागरिक को अपने धर्म का पालन का अधिकार है, क्योंकि इस देश में सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी आज के दौर के भाजपा नेताओं से भिन्न थे। उन्होंने खेद जताया कि राजनीति अपने सबसे निचले स्तर पर जा पहुंची है और अच्छे कार्यों की सराहना के बजाए दोषारोपण की राजनीति की जा रही है।
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