‘कुडनकुलम संयंत्र फुकुशिमा जैसी दुर्घटनाओं से सुरक्षित’

अंजलि ओझा===

तमिलनाडु के कुडनकुलम परमाणु संयत्र के रूसी निर्माताओं का कहना है कि यह संयंत्र फुकुशिमा जैसी दुर्घटनाओं को झेलने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि जापान में घटी इस दुर्घटना के बाद सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं।

रोसैटम की इंजीनियरिंग और निर्माण शाखा एएसई के भारत में परियोजना निदेशक व्लादिमीर ए. एंजेलॉव के मुताबिक, कुडनकुलम में स्थापित रूसी वीवीईआर रिएक्टर सुनामी जैसे खतरों से मुकाबला करने में सक्षम है और फुकुशिमा के बाद चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं।

एंजेलॉव ने एटमएक्सपो से इतर यहां आईएएनएस से कहा, “वीवीआर विद्युत इकाइयां सुनामी को झेलने में सक्षम हैं और अमेरिकी डिजाइन पर निर्मित फुकुशिमा की तुलना में काफी ज्यादा शक्तिशाली हैं।”

एंजेलॉव ने कहा, “कुडनकुलम में फुकुशिमा की दुर्घटना को ध्यान में रखा गया है। हमने फुकुशिमा से, खासतौर से भूकंपीय मानकों से सीख लेते हुए तीसरी और चौथी इकाई में कुछ तकनीकी मानकों को सुधारा है।”

भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित हो रहे चार इकाइयों वाले 4,000 मेगावॉट क्षमता वाले कुडनकुलम परमाणु विद्युत संयंत्र को विकिरण की आशंका के चलते स्थानीय लोगों के काफी विरोध का सामना करना पड़ा है।

फुकुशिमा में 2011 में रिसाव के कारण परमाणु विद्युत संयंत्रों की सुरक्षा और किसी दुर्घटना के मामले में रेडियोएक्टिव अवपतन (फॉल आउट) को लेकर नए सिरे से सवाल खड़े हो गए हैं।

एंजेलॉव ने कहा कि रूस और भारत दोनों ने सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए पहल की है।

उन्होंने कहा, “भारत ने हमसे कुछ मानकों में सुधार की संभावना पर विचार करने को कहा है और हमने भी उनके विश्लेषण और सुधार के प्रयास किए हैं। इस लिहाज से तीसरी और चौथी इकाई को उच्च भूकंप संबंधी, जलवायु संबंधी और तकनीकी प्रभाव को ध्यान में रखने हुए बनाया गया है। यह एक उन्नत संयंत्र है।”

पहली और दूसरी इकाई के बारे में उन्होंने कहा, “हमने फुकुशिमा से मिली सीख की दृष्टि से पहली और दूसरी इकाई की तकनीकी डिजाइन का विश्लेषण किया है। हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ये इकाइयां फुकुशिमा जैसी दुर्घटना झेलने में सक्षम हैं। हालांकि हम और अधिक सख्त मानक लागू कर रहे हैं।”

एंजेलॉव ने कहा कि ये सुधरे हुए मानक पांचवी और छठी इकाइयों में भी अपनाए जाएंगे, जिन्हें डिजाइन किया जा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि किसी दुर्घटना की स्थिति में क्या भारत और रूस के बीच दायित्व के मुद्दे पर असहमति हो सकती है, एंजेलॉव ने कहा कि भारत ने वियना संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे इसका दायित्व संचालक पर होगा।    –आईएएनएस

(फाइल फोटो)