रांची, 31 मई (जनसमा)। राज्य में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए लगन और ईमानदारी के साथ काम करने की जरूरत है। सरकार द्वारा तय योजना जमीन तक पहुंचे, इसके लिए टीम बनाकर काम करना होगा। सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और बच्चों को पोषित करने के लिए संवेदनशीलता एवं समर्पण के साथ काम करना होगा। सर्वप्रथम सर्वाधिक कुपोषित जिले और उसमें सर्वाधिक कुपोषित बच्चों को लक्ष्य करें। इस कार्य में पंचायत सचिवालय भी सहयोग करेगा। जनभागीदारी और मिशन मोड से काम करके ही झारखंड से हम पूरी तरह से कुपोषण को समाप्त कर सकेंगे। इसके लिए सरकार पैसे की कमी नहीं होने देगी।
उक्त बातें झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। दास राज्य पोषण मिशन की वेबसाइट और लोगो की लांचिंग के बाद पोषण मिशन कार्यक्रम की समीक्षा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पोषण मिशन के तहत छह जिले केंद्र सरकार द्वारा तथा छह जिले राज्य सरकार द्वारा चुने गये हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जून-जुलाई तक सहिया, आंगनबाडी सेविका और पोषण सखी के प्रशिक्षण का काम पूरा कर लिया जाये। प्रशिक्षण में बच्चों के सर्वे से लेकर उन्हें पोषित करने तक की जानकारी दी जाये। प्रशिक्षण के बाद 15 दिनों में सर्वे का काम पूरा कर लिया जाये। इसके बाद टीम गांव-गांव जाकर बच्चे और मां के पोषण के लिए आवश्यक उपाय को जमीन पर उतारे।
इसमें जांच, टीकाकरण, स्पॉट फीडिंग आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी चयनित जिलों में जाकर वे स्वयं सहिया, सेविका, पोषण सखी, ए0एन0एम0 आदि को प्रोत्साहित करेंगे। इससे पहले जून में राज्य की सभी सी0डी0पी0ओ0 के साथ रांची में बैठक भी करेंगे।
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