नई दिल्ली, 16 फरवरी। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी ने आज सिम्बोइसिस के हेल्थ स्किल सेंटर और शहर में दूसरे कौशल प्रशिक्षण केंद्रों की समीक्षा करने के लिए पुणे का दौरा किया। सिम्बोइसिस सेंटर में उन्होंने कहा कि देश में मेक इन इंडिया की सफलता भारत के निर्माता यानी कुशल श्रम बल पर निर्भर करेगा। यह कुशल श्रम बल ही देश में विनिर्माण को रफ्तार देंगे और देश के विकास को बढ़ावा देंगे। इसके बाद रूडी ने बीवीजी इंडिया हॉस्पिटल एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर और डीएसके इंटरनेशनल स्किल सेंटर का दौरा किया। बीवीजी इंडिया हॉस्पिटल एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर हेल्थकेयर स्किल सेंटर है जबकि डीएसके इंटरनेशनल स्किल सेंटर औद्योगिक डिजाइन कौशल केंद्र है।
फाईल फोटोः राजीव प्रताप रूडी
उन्होंने बीवीजी इंडिया हॉस्पिटल एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर के इमरजेंसी रेस्पांस सेंटर की तारीफ की जबकि डीएसके इंटरनेशनल स्किल सेंटर में उन्होंने अत्याधुनिक कैंपस की तारीफ की। यहां कौशल विकास के लिए मौजूद अत्याधुनिक सुविधाओं की उन्होंने प्रशंसा की। इन दौरों के दौरान रूडी ने कौशल विकास पर देश के विमर्श में उल्लेखनीय प्रगति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मजबूत भूमिका की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी की ओर से इस विषय पर विमर्श को आगे बढ़ाने और इसे केंद्र में लाने के बाद कौशल विकास पर नए सिरे से ध्यान दिया जा सका है। वास्तव में स्किल इंडिया मिशन का नेतृत्व सीधे प्रधानमंत्री कर रहे हैं। यह तथ्य ही यह बताता है कि अपनी सरकार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कौशल विकास को कितना महत्व दे रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि औपचारिक शिक्षा का महत्व आज काफी बढ़ गया है क्योंकि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले रोल मॉडल औपचारिक शिक्षा की पृष्ठभूमि से ही आए हैं। जिन लोगों ने बेहतर औपचारिक शिक्षा ली है, उन्होंने सफलता के अच्छे उदाहरण पेश किए हैं और समाज में ऊंचा दर्जा हासिल किया है। लेकिन कौशल के जरिये सफलता हासिल करने के उदाहरण काफी कम हैं। इसलिए समाज में कौशल हासिल करने के प्रति उत्साह कम देखने को मिलता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को ऐसे माहौल की जरूरत है जिसमें कौशल विकास एक गरिमापूर्ण काम माना जाए और इसे प्रतिष्ठा मिले।
रूडी ने कौशल विकास के अच्छे केंद्रों और अलग-अलग कारोबारों के बीच संस्थागत संपर्क बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में उद्योग और कारोबार और कौशल विकास केंद्रों में एक लिंकेज हो ताकि स्केल और विशेषज्ञता का फायदा उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि पूरे देश में अगर कौशल विकास केंद्रों और उद्योग-व्यापार के बीच संपर्क बढ़े तो इसका कौशल विकास माहौल को फायदा मिलेगा। इससे श्रेष्ठता का एक मंच तैयार होगा कौशल विकसित करने की दिशा में अड़चन रहित यात्रा आगे बढ़ेगी। इससे छात्र-छात्राएं के कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं की जानकारी ले सकेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार देश में कौशल विकास को आगे बढ़ाने के लिए हर मदद करने तैयार है। उन्होंने कहा कि कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय देश में कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के पक्ष में है और इस दिशा में हर संभव समर्थन देने के लिए तैयार है। उन्होंने देश में कौशल विकास की दिशा में हो रही तरक्की की जानकारी भी दी और कहा कि मेक इन इंडिया का काफी दारोमदार इस पर टिका है।
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