केंद्रीय बजट 2021-22: सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

केंद्रीय बजट 2021-22: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सुनिश्चित कीमत उपलब्ध कराने के लिए एमएसपी व्यवस्था में व्यापक बदलाव हुआ है, जो सभी कमोडिटीज के लिए लागत की तुलना में कम से कम डेढ़ गुना हो गया है। खरीद एक निश्चित गति से निरंतर बढ़ रही है। इसके परिणाम स्वरूप किसानों को भुगतान में भी बढ़ोतरी हुई है।

गेहूं के मामले में, 2013-14 में किसानों को कुल 33,874 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष 2019-20 में 62,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया और 2020-21 में इसमें और सुधार हुआ तथा किसानों को 75,060 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इससे लाभान्वित होने वाले गेहूं किसानों की संख्या 2020-21 में बढ़कर 43.36 लाख हो गई जो 2019-20 में 35.57 लाख थी।

धान के लिए, 2013-14 में 63,928 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। 2019-20 में यह वृद्धि 1,41,930 करोड़ रुपये थी। वर्ष 2020-21 में यह और सुधरकर 1,72,752 करोड़ रुपये हो गई। इससे लाभान्वित होने वाले धान किसानों की संख्या 2020-21 में बढ़कर 1.54 करोड़ पर हो गई, जो संख्या 2019-20 में 1.24 करोड़ थी।

इसी तरह, दालों के मामले में 2013-14 में 236 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया। 2019-20 में यह धनराशि बढ़कर 8,285 करोड़ रुपये हो गई। इस समय 2020-21 में यह 10,530 करोड़ रुपये है, जो 2013-14 के मुकाबले यह 40 गुना से ज्यादा वृद्धि है।

इसी प्रकार, कपास के किसानों की प्राप्तियों में तेजी से बढ़ोतरी हुई, जो 2013-14 की 90 करोड़ रुपये से बढ़कर 25,974 करोड़ रुपये (27 जनवरी 2021) के स्तर पर पहुंच गई।

केंद्रीय बजट 2021-22 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि  इस साल की शुरुआत में,  प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना की पेशकश की थी। इसके अंतर्गत, गांवों में संपत्ति के मालिकों को बड़ी संख्या में अधिकार दिए जा रहे हैं। अभी तक, 1,241 गांवों के लगभग 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को कार्ड उपलब्ध करा दिए गए हैं और वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 21-22 के दौरान इसके दायरे में सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव किया है।

किसानों को पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने वित्त वर्ष 22 में कृषि कर्ज का लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। इसी प्रकार, ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष के लिए आवंटन 30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। नाबार्ड के अंतर्गत 5,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ बनाए सूक्ष्म सिंचाई कोष को दोगुना कर दिया जाएगा।

कृषि और सहायक उत्पादों में मूल्य संवर्धन व उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए की गई एक अहम घोषणा के तहत, अब ‘ऑपरेशन ग्रीन योजना’ के दायरे में अब 22 जल्दी सड़ने वाले उत्पाद शामिल हो जाएंगे। वर्तमान में यह योजना टमाटर, प्याज और आलू पर लागू है।

ई-नैम्स में लगभग 1.68 करोड़ किसान पंजीकृत हैं और इनके माध्यम से 1.14 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए ई-नैम को कृषि बाजार में लाया गया है, ई-नैम के साथ 1,000 से ज्यादा मंडियों को जोड़ा जा चुका है। एपीएमसी को अपनी अवसंरचना सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृषि अवसंरचना कोष उपलब्ध कराया जाएगा।

मछली पालन

वित्त मंत्री ने मछली पकड़ने और मछली उतारने वाले केन्द्रों के विकास में पर्याप्तड निवेश का प्रस्तांव रखा। वित्तक मंत्री ने कहा कि मछली पकड़ने के 5 प्रमुख केन्द्रों – कोच्चि, चेन्निई, विशाखापतनम, पारादीप, और पेटुआघाट- को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा।