नई दिल्ली, 10 मई | हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा छह क्षेत्रीय भाषाओं -तमिल, तेलुगू, मराठी, गुजराती, बांग्ला और असमिया- में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) आयोजित कराने की केंद्र सरकार की याचिका पर शीर्ष अदालत विचार कर सकती है। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनिल. आर. दवे और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि वे इस मामले में न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह से परामर्श करेंगे।
महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायालय से स्पष्टीकरण चाहा था कि दूसरे चरण की एनईईटी अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा क्या अन्य छह क्षेत्रीय भाषाओं में नहीं हो सकती है।
मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए दूसरे चरण की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) 24 जुलाई को होने वाली है।
महाधिवक्ता कुमार ने न्यायालय के समक्ष इस बात का उल्लेख किया। इस पर पीठ ने मंगलवार को कहा, “हमने यह आप पर छोड़ दिया है।”
रंजीत कुमार ने कहा कि सोमवार की सुनवाई के इस पहलू पर न्यायालय द्वारा पारित आदेश में गौर नहीं किया गया है।
सोमवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने यह आशंका व्यक्त की थी कि अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा छह क्षेत्रीय भाषाओं में प्रश्न पत्र का अनुवाद कराने से प्रश्न पत्र लीक हो सकते हैं।
भारतीय चिकित्सा परिषद(एमसीआई) ने न्यायालय से कहा कि चूंकि मेडिकल की पुस्तकें अंग्रेजी के अलाव किसी अन्य भाषा में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) सिर्फ अंग्रेजी में ही होनी चाहिए। –आईएएनएस
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