देहरादून, 11 मई | बहुमत परीक्षण में जीत के बाद कांग्रेस नेता हरीश रावत का उत्तराखंड का फिर से मुख्यमंत्री बनना तय है। उन्होंने बुधवार को कहा कि उनकी केंद्र सरकार से कोई कटुता नहीं है और वह राज्य के विकास के लिए केंद्र का समर्थन चाहेंगे। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा रही है। इसके बाद रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “यह एक तनाव व अनिश्चितता वाला समय था और राज्य को नुकसान हुआ। लेकिन, अंत भला तो सब भला। हमें बुरे अनुभवों को भुलाकर नया अध्याय शुरू करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जिस तरह हम केदारनाथ आपदा से उबरे थे, उसी तरह इस राजनीतिक त्रासदी से उबरेंगे।
फोटोः हरीश रावत 11 मई, 2016 को देहरादून में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए। (आईएएनएस)
रावत ने कहा, “केंद्र सरकार और महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने शीर्ष न्यायालय को राष्ट्रपति शासन हटाने और उनकी सरकार को बहाल करने की बात बताकर सदाशयता दिखाई है।”
रावत ने कहा, “हम छोटे राज्य से हैं, लेकिन आंकाक्षाएं बड़ी हैं। उत्तराखंड के लोगों की क्षमता बहुत बड़ी है। पिछले डेढ़ महीने में राज्य को बहुत नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई के लिए केंद्र के सतत सहयोग की आवश्यकता है।”
रावत ने उन लोगों को धन्यवाद कहा जिन्होंने उनका साथ दिया। उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मुश्किल घड़ी में साथ देने के लिए विशेष तौर पर धन्यवाद दिया।
रावत ने बहुमत सिद्घ करवाने में मदद करने के लिए मायावाती को धन्यवाद दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया और उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने अपने सभी सहयोगियों का आभार जताया।
रावत ने कहा, “मैं सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय को धन्यवाद कहना चाहूंगा। न्यायालय ने लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है। मैनें सीबीआई से कहा था कि ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की जांच में पूरा सहयोग दूंगा, लेकिन वे कुछ ज्यादा ही उत्सुक दिखे।”
सर्वोच्च न्यायालय से फैसला आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जश्न का माहौल दिखाई दिया। –आईएएनएस
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