नई दिल्ली, 4 अक्टूबर | केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का साक्ष्य देने का आग्रह करने पर मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम पर हमला बोला। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के मामलों में पूरे देश और नेताओं से पार्टी लाइन से परे जाकर एक आवाज में बोलने की उम्मीद की जाती है, लेकिन केजरीवाल की टिप्पणी ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘पीड़ादायक’ है।
प्रसाद ने कहा, “केजरीवाल जी पाकिस्तानी मीडिया द्वारा प्रचारित सर्जिकल स्ट्राइक के नहीं होने की बात को नकारने के लिए भारत सरकार से इसका सबूत देने को कह रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह भारतीय सेना की क्षमता में विश्वास करते हैं या नहीं।”
फाइल फोटो : आईएएनएस
उन्होंने कहा, “यदि वह सेना की क्षमता में विश्वास रखते हैं तो वह कैसे पाकिस्तानी मीडिया के झूठे प्रचार से प्रभावित हो गए और सबूत की मांग कर बैठे? ”
प्रसाद ने आम आदमी पार्टी के नेता से अनुरोध करते हुए कहा, “राजनीति को एक तरफ रखिए और ऐसा कुछ मत कीजिए जिससे हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल गिरे।”
कानून मंत्री ने चिदंबरम पर भी हमला बोला और जानना चाहा कि क्या पूर्व वित्त मंत्री की टिप्पणी कांग्रेस पार्टी का आधिकारिक बयान है?
चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि यह सरकार पर निर्भर है कि वह 28 सितम्बर की रात किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत दे जिसमें पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में सेना ने आतंकवादियों के सात लांच पैड को नष्ट कर दिया था।
प्रसाद ने कहा, “हम सोनिया गांधी जी से पूछना चाहते हैं कि क्या यह कांग्रेस पार्टी की इस मुद्दे पर आधिकारिक अवस्थिति है? यदि यह मामला है तो हम इसकी जांच करेंगे और उन्हें हमारे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। ”
उन्होंने कहा, “यदि यह आधिकारिक लाइन नहीं है तो हमारा सोनिया से आग्रह है कि वह अपने पार्टी के नेताओं पर लगाम लगाएं जो हरदम सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं।”
प्रसाद ने कहा कि भारत ने सफलतापूर्वक पाकिस्तान को ‘कूटनीतिक, रणनीतिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर’ अलग-थलग किया है।
उन्होंने कहा, “आज पाकिस्तान पूरी तरह से अलग-थलग पड़ा है। यह हमारी कूटनीति की जीत है, लेकिन केजरीवाल जी ये सब नहीं देखते हैं और सवाल उठाते रहते हैं।”
प्रसाद ने कहा कि नेताओं को भारतीय सशस्त्र बलों के मनोबल को गिराने वाली टिप्पणियों से बचना चाहिए।–आईएएनएस
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