केन्या के साथ रक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएगा भारत

नैरोबी, 11 जुलाई | भारत ने सोमवार को केन्या के साथ रक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने को लेकर सहमति जताई और इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की निंदा की जानी चाहिए। मोदी ने यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याता के साथ दिए संयुक्त बयान में कहा, “हम जहां अपनी-अपनी विकास की चुनौतियों को लेकर सजग हैं मैं और केन्याता सुरक्षा और स्थिरता को लेकर भी चिंतित हैं।”

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद सोमवार को दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चूंकि दोनों ही देश हिंद महासागर के जरिए आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए दोनों देशों में मजबूत सामुद्रिक परंपराएं हैं।

उन्होंने कहा, “इसीलिए सामुद्रिक सुरक्षा के क्षेत्र में हमारे बीच निकट सहयोग हमारे रक्षा और सुरक्षा बंदोबस्त में अहम स्थान रखता है। हमारे बीच रक्षा सहयोग पर यह समझौता हमारे रक्षा प्रतिष्ठानों के बीच सांस्थानिक सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा।”

मोदी ने कहा कि केन्याता यह स्वीकार करते हैं कि आतंकवाद और तेजी से फैल रही कट्टरपंथी विचारधारा दोनों देशों, क्षेत्र और पूरी दुनिया के लोगों के लिए चुनौती बनकर उभरी है।

दोनों देशों ने रक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एक अन्य एमओयू में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस और ब्यूरो ऑफ केन्या स्टैंडर्डस के बीच मानकीकरण, विशेषज्ञता साझा करने और आपसी व्यापार के क्षेत्र में समझौता हुआ।

तीसरे एमओयू के तहत राष्ट्रीय आवास नीति के विकास और प्रबंधन के क्षेत्र में हस्ताक्षर किए गए। एक अन्य समझौत के तहत भारत इस पूर्वी अफ्रीकी देश में विभिन्न लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए केन्या की आईडीबी कैपिटल को 1.5 करोड़ डॉलर का ऋण देगा।

इसके अलावा एक अन्य समझौता भारत द्वारा केन्या सरकार को ‘रिफ्ट वैली टेक्सटाइल्स फैक्टरी’ (रिवाटेक्स इस्ट अफ्रीका लिमिटेड) के उन्नयन के लिए 2.995 करोड़ डॉलर का ऋण देने के लिए भी किया गया है। दोनों देशों ने एक संशोधित ‘दोहरा कराधान बचाव समझौते’ पर भी हस्ताक्षर किए हैं।

इसके अलावा राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट पर भी एक द्विपक्षीय समझौता किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत केन्या का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और यहां दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। लेकिन इसमें और भी हासिल करने की क्षमता है।”

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की जनता के बीच ऐतिहासिक संबंधों ने कृषि व स्वास्थ्य से लेकर विकास सहायता, व्यापार व वाणिज्य में निवेश, क्षमता निर्माण के लिए लोगों के बीच नजदीकी संबंध तथा नियमित राजनीतिक परामर्श से लेकर रक्षा व सुरक्षा सहयोग में व्यापक साझेदारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

वहीं केन्या के राष्ट्रपति केन्याता ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहायता का वादा किया है और केन्या में वह एक कैंसर अस्पताल विकसित करेगा।

केन्याता ने कहा, “हम क्रिकेट व एथेलेटिक्स जैसे खेल के क्षेत्र में भी संबंधों से हासिल करने के इच्छुक हैं।”

भारत ने केन्या के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करते हुए केन्या सुरक्षा बलों को 30 फील्ड एंबुलेंस भी भेंट किए।

इससे पहले सोमवार को नैरोबी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवादियों को पनाह देने वालों की निंदा की जानी चाहिए।

मोदी ने कहा, “हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जिसमें नफरत और हिंसा फैलाने वाले हमारे सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा बने हुए हैं। केन्या के युवा नागरिक और अफ्रीकी समुदाय का हिस्सा होने के नाते आपको कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने वाले लोगों पर नजर रखने की जरूरत है।”

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने केन्या के प्रथम राष्ट्रपति जोमो केन्याता की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

मोदी चार अफ्रीकी देशों की यात्रा के चौथे व अंतिम पड़ाव के तहत रविवार को तंजानिया से केन्या पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने भारतीय प्रवासियों की एक रैली को संबोधित किया, जिसमें 20 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। केन्या में भारतीय मूल के 80 हजार लोग रहते हैं।

सोमवार को ही वह नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

–आईएएनएस