तिरुवनंतपुरम, 12 अप्रैल | केरल के मंदिर में रविवार को आतिशबाजी के दौरान आग लगने और विस्फोट से 111 लोगों की मौत हो गई। इसका आयोजक भी इसकी चपेट में आ गया, जिसने मंगलवार को एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी है। पेरावुर शहर के पुत्तिंगल देवी मंदिर में आतिशबाजी का ठेका 67 वर्षीय सुरेंद्रन को मिला था, जिसकी यहां मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई।
फोटो: केरल के कोल्लम जिले के पारावुर पुट्टींगल मंदिर में आतिशबाजी के दौरान आग लगने की दुर्घटना के शिकार लोगों को अस्पताल ले जाते हुए बचाव कर्मी।
अस्पताल प्रशासन ने एक बयान में कहा है, “वह 90 प्रतिशत जल चुका था और उसके आतों की एक बड़ी सर्जरी की गई। उसकी किडनियां भी बेहद खराब हालत में थीं। उसने 3.35 बजे रात अंतिम सांस ली।”
पुलिस ने सुरेंद्रन का नाम आरोपियों में दर्ज किया था। उसका बेटा उमेश भी हादसे में 50 प्रतिशत जल चुका है। मंगलवार को सुरेंद्रन के अलावा एक और व्यक्ति की मौत हुई है और अबतक इस हादसे में कुल 111 लोग मारे गए हैं।
घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद सुरेंद्रन ने कथित रूप से अपने परिवार वालों से कहा था कि जब वह मर जाए तो विस्फोटकों के लिए उसे मिले लाइसेंस को उसके शव पर रख दिया जाए।
इस हादसे में अब तक मंदिर के सात अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि आतिशबाजी के लिए सुरेंद्रन को सात लाख रुपये दिए गए थे।
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