नई दिल्ली, 12 सितम्बर | केरल से लापता जिन 22 लोगों पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़ने के लिए भारत छोड़ने का आरोप है, वे जुलाई के प्रथम सप्ताह में अफगानिस्तान पहुंच चुके हैं।
यह जानकारी गिरफ्तार आईएस समर्थक यास्मीन मोहम्मद जाहिद से पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने दी है।
29 वर्षीय यास्मीन को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से पहली अगस्त को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह भारत से अफगानिस्तान जाने की कोशिश में थी।
उसने जांचकर्ताओं को बताया कि लापता केरलवासियों में से 13 पुरुष हैं, छह महिलाएं और तीन बच्चे हैं, और उन्होंने मई मध्य और जुलाई के प्रथम सप्ताह के बीच केरल के कासरगोड और पलक्कड़ जिलों में स्थित अपने घरों को छोड़ दिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक अधिकारी ने यास्मीन के बयान के हवाले से आईएएनएस से कहा कि सभी लापता केरलवासी बेंगलुरू, हैदराबाद या मुंबई हवाईअड्डों से कुवैत, दुबई, मस्कट या अबुधाबी के लिए प्रस्थान किया और पता चला है कि वे वहां से ईरान होते हुए अफगानिस्तान चले गए।
यास्मीन ने हिरासत में हुई पूछताछ के दौरान कहा कि उसने अब्दुल राशिद (30) से इस वर्ष तीन मई को शादी की थी और निकाह की रस्म फोन पर संपन्न हुई थी। राशिद अन्य केरलवासियों के साथ भारत छोड़ने का आरोपी है।
जांचकर्ताओं ने कहा कि दो अन्य आरोपी अशफाक और याहया ने निकाह समारोह में गवाह की भूमिका निभाई थी, जबकि एक अन्य आरोपी शिहास ने दुल्हन के अभिभावक की भूमिका निभाई थी।
यास्मीन ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया है कि उसका पति राशिद उसे मैसेजिंग एप, टेलीग्राम पर खिलाफत और इस्लामिक स्टेट के नेता अबु बक्र अल-बगदादी के समर्थन में वीडियो और संदेश भेजता था।
यास्मीन ने एनआईए के जांचकर्ताओं से कहा कि राशिद और उसकी पहली पत्नी आयशा एक ब्रिटिश दंपति के संपर्क में थे, जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था और वे टेलीग्राम चैनल पर आईएस और खिलाफत के समर्थन में संदेश फैलाते थे।
एनआईए के अधिकारी ने यास्मीन के बयान के हवाले से कहा, “राशिद ने यास्मीन को जुलाई के प्रथम सप्ताह में बताया था कि वह और केरल से लापता अन्य लोग अफगानिस्तान में खिलाफत पहुंच गए थे।”
अधिकारी ने कहा कि राशिद ने यास्मीन को अपनी पहली पत्नी आयशा का एटीएम कार्ड भी दिया था और मध्य जुलाई में उसके खाते में 1.50 लाख रुपये स्थानांतरित किया था, जिसका उपयोग यास्मीन ने अफगानिस्तान की अपनी यात्रा की तैयारियों के लिए किया।
अधिकारी ने कहा, “यास्मीन ने इन पैसों के जरिए हवाई टिकट खरीदे, अफगानिस्तान के वीजा के लिए भुगतान किया और 620 डॉलर भी खरीदे थे।”
एनआईए ने सोमवार को यह भी कहा कि एक अन्य लापता आरोपी डॉ. इजास की बहन ने उन्हें सूचित किया कि उसका भाई और उसकी पत्नी रेफेला को छह सितंबर को एक लड़की पैदा हुई है।
एनआईए ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
प्राथमिकी में 19 लापता लोगों को आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसमें कासरगोड जिले के 14 लोग तथा पलक्कड़ जिले के पांच लोग शामिल हैं। जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि लापता लोग आतंकी संगठन आईएस से जुड़े हैं या नहीं।
लापता बच्चे जो कि संभवत: अपने माता-पिता के साथ चले गए हैं, उन्हें आरोपियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि कुछ अज्ञात लोग भी इस मामले में आरोपी हैं। प्राथमिकी कोच्चि की एक एनआईए अदालत में दर्ज की गई है।–रजनीश सिंह, आईएएनएस
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