शिमला, 20 जुलाई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के शिमला का ऐतिहासिक गेयटी थियेटर पहली बार नाहन कारागार के कैदियों द्वारा प्रस्तुत संगीत गोष्ठी एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का गवाह बना, जब जेल बन्दियों ने बाॅलीबुड की पुरानी फिल्मों की कव्वालियां एवं सूफी गीतों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के विविध लोक गीतों की दिल को छूने वाली प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
कारागार एवं सुधार सेवाएं निदेशालय द्वारा इस प्रकार की पहल से दस जेल बन्दियों को उन्हें संगीत कौशल के प्रदर्शन के लिए पहली बार मंच प्रदान किया गया। इन दस जेल बन्दियों में पांच भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 के अन्तर्गत आजीवन कारावास झेल रहे हैं, दो कैदियों पर नारकोट्रिक्स ड्रग्स एण्ड साइकोट्राॅपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है, जबकि अन्य कैदी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 व 354 के अन्तर्गत मुकदमों का सामना कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार शाम को ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में कारागार एवं सुधार सेवाएं निदेशालय द्वारा आयोजित संगीत समारोह की अध्यक्षता की। जेल बन्दियों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने बेहतर तरीके से प्रस्तुत संगीत कार्यक्रमों को देखकर सचमुच आश्चर्य होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि ऐतिहासिक गेयटी थियेटर, जहां पूर्व में देश के जाने-माने कलाकारों एवं गायकों ने मनमोहक संगीत एवं नाटकीय प्रदर्शन किए हैं, में जेल बन्दियों को पहली बार इस प्रकार का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया गया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक कारागार सोमेश गोयल द्वारा की गई इस पहल के लिये उनके प्रयासों की सराहना की।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि जेल बन्दियों को इस प्रकार की पहली आउटडोर प्रस्तुति का अवसर प्रदान करना उनके पुनर्वास की दिशा में एक प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगीत एवं संगीत से जुड़ाव परिस्थितियों एवं भौगोलिक सीमाओं से परे प्रत्येक को और कहीं पर भी उपलब्ध करवाना ही ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संगीत गोष्ठियां, सांस्कृतिक एवं मनोरंजक कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए।
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