कोचीन बंदरगाह में ड्रेजिंग में निकली रेत का उपयोग

नई दिल्ली, 27 जनवरी (जनसमा)।  कोचीन पोर्ट ट्रस्ट ने ‘किटको’ से आग्रह किया है कि वह ड्रेजिंग में निकली रेत के उपयोग का अध्ययन करे। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट ड्रेजिंग के रख-रखाव में होने वाले खर्च में कमी लाने के उपायों पर विचार कर रहा है। जिसके संबंध में सुझाव दिया गया है कि उक्त सामग्री का कोई अन्य उपयोग किया जाए।इस समय ड्रेजिंग से लगभग 21 मिलियन घन मीटर निकलने वाले पदार्थों को कोचीन बंदरगाह किनारे से 20 किलोमीटर दूर समुद्र में फेंकता है।

इसके पहले इस तरह के पदार्थों को जमीन के भराव या जैव-उर्वरक के रूप में इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया था, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला, क्योंकि इन पदार्थों में भारी धातुएं भी होती हैं।

बंदरगाह ने विचार किया है कि अब पूथू वाईपीन क्षेत्र के आस-पास ध्यान दे, जहां रेत उपलब्ध है। आकलन किया गया है कि लगभग 4 मिलियन घन मीटर रेत समुद्र से ड्रेजिंग द्वारा निकाली जाएगी।

बंदरगाह ने प्रस्ताव किया है कि इस रेत को निर्माण कार्य में लगाया जाए, ताकि यह वापस बहकर समुद्र में न चली जाए। यह कार्य पीपीपी आधार पर किया जाएगा।

बंदरगाह ने प्रस्ताव किया है कि रेत खनन के लिए निविदा जारी की जाए। बंदरगाह स्वंय ड्रेजिंग करेगा और रेत को पाइपों द्वारा क्षेत्र में पहुंचाया जाएगा। ड्रेजिंग में निकलने वाले अन्य पदार्थों के उपयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।