दिल्ली सरकार का अनुमान है कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर आई तो हर दिन 37 हजार तक मामले आ सकते हैं।
दिल्ली सरकार कोरोना की तीसरी लहर आने तक की स्थिति को लेकर अस्पतालों में बेड और मानव संसाधन बढ़ाने को लेकर तैयारी करेगी।
आज 05 जून, 2021 को संपन्न हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ाते हुए, दिल्ली सरकार ने योजना बनाना और सुविधाएं तैयार करना शुरू कर दिया है ताकि मानव संसाधन और दवाओं की कमी का सामना ना करना पड़े।
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उन्होंने जानकारी दी कि ‘विशेषज्ञ समिति’ के साथ हुई पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। जिसमें बच्चों के प्रभावी उपचार के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने, पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड तैयार करने, अधिक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात करने, ऑक्सीजन की आपूर्ति, भंडारण और उत्पादन सुनिश्चित करने को लेकर फैसले किए गए हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान उसका मुकाबला करने के लिए विशेषज्ञ समिति की बैठक में दिल्ली सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो इसप्रकार हैं :
- केंद्रीय स्वास्थ्य नियंत्रण कक्ष सह डेटा हब स्थापित किया जाएगा
- अस्पतालों में अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जाएगी
- बफर एलएमओ भंडारण क्षमता को 421 मीट्रिक टन तक बढ़ाया जाएगा
- दिल्ली के एलएमओ भंडारण को दिल्ली की अधिकतम ऑक्सीजन मांग के हिसाब से कम से कम एक दिन के इस्तेमाल तक के लिए बढ़ाया जाएगा।
- दिल्ली सरकार बेड कैपेसिटी बेंचमार्क से जुड़े सभी अस्पतालों में अनिवार्य एलएमओ स्टोरेज सुनिश्चित करने का आदेश भी जारी करेगी।
- ऑक्सीजन के स्तर को ट्रैक करने के लिए प्रत्येक भंडारण टैंक को टेलीमेट्री उपकरण के साथ जोड़ा जाएगा।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा 350 मीट्रिक टन के लगभग 25 टैंकर खरीदे जाएंगे दिल्ली सरकार 150 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन और 2000 सिलेंडरों की रिफिलिंग भी सुनिश्चित करेगी।
- पर्याप्त संख्या में सिलिंडरों की खरीद की जानी चाहिए ताकि संकट के समय में बिस्तर बढ़ने की स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके।
- जमाखोरी रोकने के लिए क्यूआर कोड ट्रैकिंग की मदद से सिलेंडरों की लाइव-ट्रैकिंग की जाएगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में बच्चों पर प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में बच्चों में गंभीर बीमारी को लेकर एनईटीएस (नवजात आपातकालीन परिवहन प्रणाली) के साथ बाल चिकित्सा जीवन समर्थन, बीमारी की विशिष्ट दवाएं और विशिष्ट उपकरणों को लेकर रणनीति बनायी गई है।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण राष्ट्रीय संक्रमण के मुकाबले अलग व्यवहार करता है। दिल्ली में पहली लहर 23 जून 2020, दूसरी लहर 16 सितंबर 2020, तीसरी लहर 13 नवंबर 2020 और चौथी लहर अप्रैल 2021 में आई। सभी लहरों के बीच न्यूनतम 2-3 महीने का समय अंतराल रहा है। इसलिए हर तैयारी समयबद्ध तरीके से करनी होगी।
मानव संसाधन और बिस्तर वृद्धि के संबंध में निर्णय
1. दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ महीनों के दौरान बेड बढ़ाने के बेहतर प्रयास के गए हैं। अप्रैल 2021 में आईसीयू बेड 1830 थे जो कि जून 2021 में 3100 हो गए हैं। कोविड बेड 5221 से बढ़ाकर 7978 कि गए हैं। इसके अलावा कई गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर नए सीएचसी बनाए गए हैं।
2.हमने पिछले महीनों में मैनपावर में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है। 610 डॉक्टरों, 628 नर्सों और 162 पैरामेडिकल स्टाफ लगाया गया है।
3.दिल्ली में संक्रमण दर और एक्टिव मामले में काफी गिरावट आई है, इसके बावजूद स्वास्थ्य ढांचे को मजूबत करने के प्रयास चालू रहेंगे। कोरोना की इस लहर में रोजाना 28400 नए मामलों आए थे, लेकिन दिल्ली में हम इससे भी बड़ी लहर से निपटने की क्षमता तैयार करेंगे। हमारा अस्पतालों और सीएचसी में 36900 कोविड बेड बनाने का लक्ष्य है। ये बेड़ सीसीसी से अलग होंगे।
4.दिल्ली में अभी तक आयी कोरोना की लहरों के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लगभग 20 फीसदी मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कर उपाचर किया गया। कोविड-19 की तीसरी लहर को रोकने के लिए लगभग 12000 बेड बढ़ाकर क्षमता को दोगुना करने की कोशिश है।
5. ऑक्सीजन और आईसीयू बेड पर फोकस रहेगा, इस संबंध में केंद्र सरकार, निजी क्षेत्र और गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी।
6. हम सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार कर ऑक्सीजन पाइपलाइन, एलएमओ टैंक और ऑक्सीजन पॉइंट की तैयारी पहले ही शुरू करेंगे। वेंडर्स को भी पैनल में शामिल किया जाएगा।
7. नर्सों और डॉक्टरों के अनुबंध को छ महीने तक बढ़ाया जा रहा है यानी कि 31 दिसंबर 2021 तक इनका कॉन्ट्रेक्ट रहेगा। अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए अस्पतालों में स्वीकृत संख्या के हिसाब से पद भरे जाएंगे। इन अस्पतालों को शिक्षण अस्पातलों एलएनजेपी, जीटीबी आदि के साथ जोड़ा जाएगा ताकि शिक्षण का अनुभव ले सकें।
8. सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता में सुधार के लिए दिल्ली के अस्पतालों में पीजी और स्नातक के छात्रों के लिए एक साल की इंटर्नशिप शुरू की जाएगी, ताकि वे तुरंत एसआर के रूप में काम करना शुरू कर सकें और अनुभव भी प्राप्त कर सकें।
9. हम बड़े स्तर पर अस्पातलों में क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाएंगे। सभी गैर-आईसीयू चिकित्सा कर्मियों को ऑक्सीजन थेरेपी, आईसीयू प्रबंधन, बाल रोग स्वास्थ्य देखभाल, कोविड देखभाल गतिविधियों आदि में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है। इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगभग 500 ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। 3 हजार से अधिक गैर-आईसीयू डॉक्टरों, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करेंगे। एमबीबीएस और बीडीएस के छात्रों को गैर-नैदानिक गतिविधियों और टेली-परामर्श के लिए तैयार किया जाएगा।
10. कोविड 19 से निपटने को लेकर क्षमता बढ़ाने के लिए एक श्रेणीबद्ध बढ़ोतरी की योजना तैयार की गई है। इनके आधार पर सबसे पहले बिस्तरों, वार्डों, अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। दूसरा उपकरणों की आपूर्ति को बेहतर किया जाएगा। तीसरा वैकल्पिक सर्जरी को रोकने और चौथा अन्य विभागों के संसाधनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
11. पीपीई किट को पूर्ण सुरक्षित सुनिश्चित करते हुए इसे और अधिक आरामदायक और हल्का बनाने की भी समीक्षा करेंगे।
12. लोकनायक अस्पताल में म्यूटेटिंग वायरस को ध्यान में रखते हुए 2-3 महीने में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब को चालू कर दिया जाएगा।
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