योगमय

कोरोना से कभी नहीं पड़ेगा रोना, यदि सीखा योगमय होकर जीना

योगाचार्य ढाकाराम जी

बालयोगी योगचार्य ढाकाराम ====आप सभी को ज्ञात है, कोरोना वायरस का आजकल कहर मचा हुआ है। यह भी आप सभी को ज्ञात है कि कोरोना वायरस का इफेक्ट हमारे शरीर पर कहां पर होता है और क्यों हैं फिर भी बता देते हैं इसका प्रभाव हमारे फेफड़ों और गले में होता है। अगर हमारे फेफड़े कमजोर हो तो इसका प्रभाव बहुत ही जल्दी हो जाता है क्योंकि फेफड़े कमजोर होने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत घट जाती हैं। इसे ऐसे समझे जैसे पानी हमेशा ढलान की तरफ़ बहता है न कि चढ़ाई पर। उसी प्रकार अगर हमारा फेफड़े कमजोर हो तो वायरस या जीवाणु हमारे ऊपर हावी हो सकते हैं।

आज जब कोरोना वायरस का कहर चरम की तरफ़ बढ़ता जा रहा है और चारों तरफ त्राहि.त्राहि मच रही है, लाखों लोग मर रहे हैं और कुछ लोग सांसे गिन रहे हैं अस्पतालों में बेड या वेंटीलेटर नहीं है। ऐसी अवस्थाओं में यदि हमें लगता है कि हम निराले हैं और हमें तो होगा ही नहीं ऐसा मानकर हम निश्चित होकर अपने ऊपर या अपने आसपास ध्यान नहीं रखते तो निश्चित ही एक बड़ी भूल कर रहे है। यदि हमारी इम्यूनिटी अच्छी है तो भी हर समय सावधानी रखने की आवश्यकता है।

बात करते है योग के प्रासंगिकता की । कह सकते है कि न सिर्फ़ आज के दौर में योग अच्छा है बल्कि योग तो हमेशा से फ़ायदेमंद है। डॉक्टर भी कहते हैं, सरकारें भी कहती हैं, हर जगह टीवी, मीडिया, समाचार पत्र, विभिन्न पत्रिकाओं  में भी बहुत से लेख आदि योग के विषय में लिखे गए है व आगे भी लिखे जाएँगे।

यदि आँकड़ों पर एक नज़र डाली जाय तो योग से फ़ायदे ही फ़ायदे नज़र आएँगे। आदिकाल से योग चला आ रहा है।  हमारे पूर्वज अपनी कई प्रकार की व्याधियों का उपचार योग से करते थे व योग उनके नित्य जीवन का हिस्सा था। आज इस भौतिकता के दौर में योग कहीं विलुप्त होने लगा ,  लेकिन सरकार के अच्छे कदम से योग पुनः मुख्यधारा में लोटने लगा। लेकिन फिर आँकड़े पर चर्चा करे तो अधिकतर व्यक्ति योग करते ही नहीं हैं। जनसंख्या के हिसाब से तो यह आँकड़ा नगण्य हैं।

ज़रूरत है 24 घंटे में एक या दो घंटे देकर अपने को स्वस्थ रखने की। जब यह समझ आता है कि मजबूत इम्यूनिटी पर कोरोना वायरस का आक्रमण व्यर्थ जा सकता है तो क्यों नहीं इसका ध्यान रखा जाए। आज नित्य योग किसी भी व्यक्ति की इम्यूनिटी को बढ़ाता है यह एक सर्वमान्य सत्य है। लेकिन क्या हम नित्य करते है यह एक यक्ष प्रश्न है?

मैं एक बालयोगी होने के अनुभव से कह सकता ही कि योग द्वारा कोरोना वायरस जैसे तीक्ष्ण वायरस से हर कोई व्यक्ति अपने आप को बचा सकते हैं और यदि हो जाए तो उसका डटकर मुकाबला कर सकते हैं। हर व्यक्ति को नित्य योगासन और प्राणायाम करना ही चाहिए। नित्य योग करने से पहले तो कोरोना वायरस आक्रमण कर नहीं पाएगा और यदि कर भी दिया तो आपको कठिन परिस्थिति में जाने से बचा लेगा।

इन दिनों अमूमन व्यक्ति में तनाव अपने चरम सीमा पर हैं, और कितना भी बोलें स्ट्रेस कम करो जब तक हम साधना नहीं करेंगे तब तक तनाव एंजायटी या डर कम नहीं होगा क्योंकि कहना बहुत आसान है।

आसन और क्रियाएं नहीं करेंगे तब तक हमारा तन और मन रिलैक्स नहीं होगा।  आप सभी को मालूम है जितना ज्यादा तनाव, चिंता व  डर रहेगा तो उसकी वजह से बीमारियां या कोरोना वायरस हमारे ऊपर उतना ही ज्यादा हावी हो जाएगा।  इसलिए आसन क्रियाएं और प्राणायाम करना ही चाहिए।

आजकल ऑक्सीजन की बहुत कमी हो गई है । अस्पतालों में ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं । सब लोग परेशान हैं भयभीत हैं। मै कहता हूँ भगवान ने सारे संसार में ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन दिया है और हमें साथ में इस दुनिया में भेजने से पहले दो बड़े-बड़े सिलेंडर दिया है मतलब जो हमारे फेफड़े है। इन फेफड़ों को स्वतः काम करने की प्रक्रिया ईश्वर ने बना कर दी है, लेकिन उन्हें मजबूत करने की प्रक्रिया ईश्वर ने मानव को दी है। यदि अच्छा उपयोग करेंगे तो मजबूत होंगे , नहीं तो कोई भी वाइरस आक्रमण कर देगा।

कोई बात नहीं यदि आप योग के बारे में या प्राणायाम के बारे में नहीं जानते तो क्या हम सिर्फ़ इतना कर सकते हैं कि लंबा और गहरा श्वास लें और लंबा और गहरा श्वास निकाले जैसे घड़ी देखकर 5 से 10 सेकंड सांस अंदर लेना और 5 से 10 सेकंड श्वास बाहर निकालना। दिन में 10-10 मिनट करके अगर चार से पांच बार कर सकते हैं।  इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं । अपने घर में, अपने बिस्तर पर , सोफे के ऊपर, कुर्सी पर या अपने ऑफिस में कहीं पर भी किया जा सकता है।

अगर आपको योग के बारे में पता है तो सही प्रकार से जैसे भस्त्रिका अनुलोम विलोम और उज्यायी चंद्र व सूर्यभेदी प्राणायाम और ओम का पवित्र नाद करके अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं। कम से कम आधा घंटा दिन में तीन बार कर सकते हैं ।साथ ही शरीर के स्वास्थ्य के लिए आसन और क्रियाओं का अभ्यास कर सकते हैं।

साधारण भाषा में बोले तो दुनिया मे बहुत ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन है ज्यादा से ज्यादा मात्रा में श्वास अंदर खींचना और ज्यादा से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड फेफड़ों से बाहर फेंकना ताकि हमारा फेफड़े मजबूत हो,  बहते हुए पानी की तरह शुद्ध हो बाहर की ऑक्सीजन सिलेंडर को लेने की ज़रूरत नहीं पड़े। महत्वपूर्ण है कि साथ ही साथ आहार का भी ध्यान रखें। हम जानते ही है कि अच्छा खानपान भी हमारी इम्यूनिटी को मजबूत रखता है।

आज योग के बारे में यदि जानकारी नहीं है तो घर बैठे जानकारी लेने के बहुत से उपाय उपलब्ध है। बहुत से योगी आजकल online जैसे facebook या कई मोबाइल ऐप्लिकेशन या tv प्रोग्राम के माध्यम से योग आप अपने जीवन में कैसे उतारे की जानकारी उपलब्ध करा रहे है। आप अपनी जानकारी बढ़ाए जहाँ आपको अच्छा लगे अपने को एक योग कार्यक्रम में जोड़े। योग को दैनिक नित्यक्रम का हिस्सा बनाए।

यह ध्यान रखे की यह सब करने के बाद भी कोरोना वायरस का आक्रमण नहीं होगा, ऐसा नहीं है। कोरोना वायरस आक्रमण हो भी जाए तो जैसे कपड़ों के ऊपर धूल लग जाती है  तो हम कपड़े से मिट्टी को झाड़ देते हैं उसी प्रकार कोरोना वायरस अगर आ भी जाए हम उससे डटकर मुकाबला कर सकते हैं और शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर मजबूत हो सकते हैं । हम ,   हमारे परिवार का और संपूर्ण जगत का भला करने में सहयोगी बन सकते हैं।

मैं सभी से प्रार्थना करता हूं खूब ऑक्सीजन लें । प्रकृति में बहुत है।  वो भी निशुल्क । खूब श्वास लें । गहरे श्वास गहरे गहरे श्वास निकाले। हम कई बार निशुल्क सुविधा को लेने में शर्मा जाते है, लेकिन यह व्यवस्था तो ईश्वर ने निशुल्क दी है। ईश्वर का प्रसाद मान कर ही सही भरपूर उपयोग करे। प्रकृति ने भरपूर ऑक्सीजन प्राणवायु हैं कंजूसी न, करें खूब गहरी और लंबी सांस ले और लंबी और गहरी श्वास निकाले। यही जीवन है।

जैसे सरकारें और सभी व्यवस्था कहती हैं
दो गज दूरी
और मास्क है जरूरी
हाथ का धोना
तो नहीं पड़ेगा रोना।

बस एक चीज और जोड़ दें
करें योग
रहे निरोग।
आसन और प्राणायाम  करना
नहीं पड़ेगा कोरोना से  डरना।

योग करें तन, मन व आत्मा को एक करें
इस मिलन का नाम है एकम
इस योग का नाम है एकम योग।

आप सभी स्वस्थ रहें खुश रहें और मस्त रहें।

– बालयोगी योगचार्य ढाकाराम , संस्थापक, योगापीस संस्थान व एवं योग एकेडमी, जयपुर