कोलकाता में निर्माणाधीन पुल गिरने से 17 की मौत, 70 घायल

कोलकाता, 31 मार्च (जनसमा)। उत्तरी कोलकाता में गणेश टाॅकीज के पास गुरुवार दोपहर को एक निर्माणाधीन पुल के गिर जाने से शाम 4.30 बजे तक प्राप्त समाचारों के अनुसार 17 लोगों के मरने और लगभग 70 लोगों के घायल होने की खबर है।

विभिन्न चैनलों और समाचार पत्रों ने घायलों और मृतकों के अलग-अलग आंकड़े दिए हैं। कुछ का कहना है कि इस हादसे में 100 से अधिक घायल हो गए हैं। दुर्घटना के कुछ देर बाद ही बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए थे और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था।

घटनास्थल बड़ा बाज़ार के नज़दीक है और यह बहुुत ही घनी आबादी वाला संकरा इलाका है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि लगभग 100-150 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के बचाव दल लोगों को मलबे से ढूंढकर निकालने का काम कर रहे हैं।

एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि जैसे ही पुल गिरा, ज़ोरदार धमाका हुआ और मिट्टी के धुंध का बादल आसमान में छा गया।

पं॰ बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जैसे ही सूचना मिली, वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। इससे पहले वह मिदनापुर में चुनाव दौरे पर थीं।

पं॰ बंगाल सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख और घायलों को दो लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।

विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक जताया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बचाव दल के अधिकारियों के साथ बराबर उनका संपर्क बना हुआ है और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। यदि बचाव दल की और आवश्यकता हुई तो वह भी भेजा जाएगा। राजनाथ सिंह इस समय पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

कोलकाता मेट्रो पाॅलिटन डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा बनाए जा रहे इस विवेकानंद रोड फ्लाईओवर को 2007 में वामदल की सरकार ने शुरू किया था जिसे 2009 तक बन जाना चाहिए था लेकिन यह अभी तक नहीं बन पाया।

पुल के निर्माण के बारे में कहा जाता है कि जमीन के आवंटन में विलंब के कारण पुल निर्माण के काम में देरी हुई है।

घटनास्थल पर अनेक मशीनें व क्रेन पहुंचाई गई हैं तथा एंबुलेंस घायलों को अस्पताल ले जा रही हैं।

समाचारों में यह भी बताया गया है कि बुधवार को निर्माणाधीन पुल के निर्माण में रेत और कंकड़ इस्तेमाल किये जा रहे थे जिस स्थानीय निवासियों ने पुल के हिलने की आशंका व्यक्त की थी।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घायलों को मलबे से निकालने के बाद एंबुलेंस के द्वारा अस्पताल पहुंचाना भी कठिन हो रहा है क्योंकि यह इलाका काफी संकरा है।