कोविन एप्लीकेशन में चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड शुरू करने का फैसला किया गया है। टीकाकरण करने वालों की ओर से गलत सूचना जारी किये जाने पर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था की गई हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आज 7 मई, 2021 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोविन डिजिटल प्लेफार्म में एक नया सेक्योरिटी फीचर जोड़ा गया।
विज्ञप्ति के अनुसार सरकार के ध्यान में यह बात आई है कि कुछ नागरिकों ने कोविन पोर्टल के जरिये टीकाकरण के लिये बुकिंग/अपॉइंटमेंट तो लिया, लेकिन निर्धारित दिन टीका लगवाने नहीं जा पाये।
ऐसा होने पर भी उन्हें एसएमएस मिल जाता है कि टीके की खुराक उन्हें दी जा चुकी है।
जांच करने पर पता चला कि टीकाकरण करने वालों की गलती के कारण ऐसी गलत सूचना चली जाती है, जबकि व्यक्ति को टीका नहीं लगा होता, यानी टीकाकरण करने वाले गलती से ऐसा डाटा डाल देते हैं।
इस अड़चन को दूर करने और नागरिकों को असुविधा से बचाने के लिये, कोविन सिस्टम ने कोविन एप्लीकेशन में “चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड” शुरू करने का फैसला किया है, जो आठ मई, 2021 से शुरू हो जायेगा।
अब पुष्टिकरण के बाद लाभार्थी को अगर टीकाकरण का पात्र पाया जाता है, तो टीका लगाने के पहले, टीका लगाने वाला व्यक्ति लाभार्थी से चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड पूछेगा। उसके बाद उस अंक को कोविन सिस्टम में सही तौर पर दर्ज कर दिया जायेगा।
यह नया फीचर केवल उन लोगों के लिये लागू होगा, जिन्होंने टीकाकरण के लिये ऑनलाइन बुकिंग करवा रखी होगी।
सफलतापूर्वक बुकिंग कर लेने के बाद लाभार्थी को एसएमएस के जरिये चार अंकों वाला सेक्योरिटी कोड भेज दिया जायेगा। इस बाबत पावती को भी मोबाइल पर दिखाया जा सकता है।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि जिन नागरिकों ने ऑनलाइन बुकिंग करवाई है, उनकी टीकाकरण स्थिति को सही-सही सिस्टम में दर्ज कर लिया जाये। उनके सेंटर का नाम, समय, तिथि, आदि सिस्टम में दर्ज हो जायेगा।
यह सुविधा केवल उन्हीं सेंटरों पर मिलेगी, जहां के लिये बुकिंग करवाई गई है। इससे फर्जी लोगों को दूर रखने और कोविन की सुगमता के बेजा इस्तेमाल को रोका जा सकेगा।
नागरिकों के लिये सलाह –
- सलाह दी जाती है कि सभी नागरिक अपनी अपॉइंटमेंट स्लिप और/या अपना पंजीकृत मोबाइल, जिस पर एसएमएस आया है, को अपने साथ रखें, ताकि टीकाकरण की प्रक्रिया को सही तौर पर दर्ज करने के लिये चार अंकों वाले सेक्योरिटी कोड की सहायता ली जा सके।
- यह भी सलाह दी जाती है कि सेक्योरिटी कोड को टीका लगाने वाले या कोड की पुष्टिकरण करने वाले को टीका लगाने से पहले बता दिया जाये। यह डिजिटल प्रमाणपत्र बनाने के लिये जरूरी है, जो टीका लगने के बाद दिया जाता है।
- नागरिकों को टीका लगाने वाले व्यक्ति को सेक्योरिटी कोड देना होगा, ताकि सेक्योरिटी कोड के साथ टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया दर्ज की जा सके। इसके बाद ही डिजिटल प्रमाणपत्र मिलेगा।
- सारी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद नागरिकों को एसएमएस भेजा जायेगा। पुष्टिकरण का यह एसएमएस इस बात का प्रमाण है कि टीकाकरण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो गई और डिजिटल प्रमाणपत्र बन गया है। अगर किसी को एसएमएस नहीं मिलता, तो उसे सम्बंधित टीकाकरण केंद्र से संपर्क करना चाहिये।