कोहली और अश्विन की पारियों के कारण वेस्टइंडीज बैकफुट पर

नॉर्थ साउंड (एंटिगा), 23 जुलाई | भारत ने सर विवियन रिचर्डस स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को अपनी पहली पारी में 8 विकेट पर 566 रन (घो.) बनाने के बाद दिन का खेल खत्म होने तक 31 रनों के कुल योग पर वेस्टइंडीज का एक विकेट झटक लिया है। भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली ने 200 और रविचंद्रन अश्विन ने 113 रन बनाए। भारत ने दिन का खेल खत्म होने से एक घंटे पहले पारी घोषित की और मोहम्मद समी ने राजेंद्र चंद्रिका को 16 के निजी योग पर आउट करते हुए मेजबान टीम को पहला झटका दिया। समी ने चंद्रिका को विकेट के पीछे रिद्धिमान साहा के हाथों कैच कराया। उस समय कुल योग 30 था।

मेजबान टीम पहली पारी की तुलना में अभी भी 535 रन पीछे है। उसे पहले फॉलोआन बचाने के लिए खेलना होगा और इस क्रम में उसके सीनियर बल्लेबाजों को अहम भूमिका अदा करनी होगी। बहरहाल, स्टम्प्स तक क्रेग ब्राथवेट 11 और नाइटवॉचमैन देवेंद्र बीशू शून्य के निजी योग पर नाबाद थे। मेजबान टीम ने 16 ओवरों का सामना किया है।

इससे पहले, भारत ने अपनी पहली पारी 8 विकेट पर 566 रनों पर घोषित कर दी। यह वेस्टइंडीज के खिलाफ उसी के घर में भारत का दूसरा सबसे बड़ा योग है। इससे पहले, 2006 में ग्रास आइलेट में भारत ने 8 विकेट पर 588 रनों पर पारी घोषित की थी। साथ ही यह वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत का कुल चौथा बड़ा योग है।

भारत के लिए कप्तान कोहली ने जहां अपने करियर का पहला दोहरा शतक लगाया और कई कीर्तिमान स्थापित किए वहीं दुनिया के बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ियों में शामिल अश्विन ने 113 रनों की पारी खेली। यह उनके करियर का तीसरा शतक है।

इसके अलावा अमित मिश्रा ने 53, साहा ने 40 और समी ने नााद 17 रन जुटाए। वेस्टइंडीज की ओर से ब्राथवेट, बीशू ने तीन-तीन सफलता पाई जबकि शेनॉन गेब्रिएल ने दो विकेट लिए।

पहले दिन की तरह दूसरा दिन भी रिकार्डधारी कोहली के नाम रहा। पहले दिन स्टम्प्स तक 143 रन बनाने वाले कोहली ने भोजनकाल के ठीक बाद गेब्रियल की गेंद पर बोल्ड होने से पहले कई कीर्तिमान अपने नाम किए।

सबसे सबसे पहले तो वह अपने अब तक के व्यक्तिगत योग 169 रनों से आगे निकले और फिर 1997 के बाद विदेशी धरती पर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय कप्तान बने।

सचिन तेंदुलकर ने दक्षिण अफ्रीका में 1997 में 169 रनों की पारी खेली थी। उस समय वह टीम के कप्तान थे। इस दौरान मोहम्मद अजरूद्दीन ने भी एक बार 150 रनों से अधिक की पारी खेली थी।

कोहली ने 147 रन बनाने के साथ वेस्टइंडीज में किसी भारतीय कप्तान सबसे बड़ी पारी का भी रिकार्ड अपने नाम किया। यह रिकार्ड इससे पहले राहुल द्रविड़ के नाम था, जिन्होंने 2006 में ग्रास आईलेट में 146 रन बनाए थे।

अब कोहली विदेशी धरती पर पहला दोहरा शतक लगाने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं। कोहली ने मोहम्मद अजहरूद्दीन के न्यूजीलैंेड के खिलाफ खेली गई 192 रनों की पारी को पीछे छोड़ा।

वेस्टइंडीज के खिलाफ अब तक सिर्फ तीन कप्तान उसी की धरती पर दोहरा शतक लगा सके हैं। इंग्लैंड के लेन हटन के अलावा यह कारनामा आस्ट्रेलिया के बॉबी सिम्पसन और कोहली ने किया है।

भारत ने भोजनकाल तक चार विकेट के नुकसान पर 404 रन बनाए थे। उस समय कोहली 200 और छठे क्रम पर पदोन्नत किए गए अश्विन 64 रनों पर नाबाद थे। कोहली भोजनकाल के तुरंत बाद आउट हुए। कोहली ने अश्विन के साथ पांचवें विकेट के लिए 168 रनों की साझेदारी की।

दोनों ने पूरे संयम लेकिन भरपूर जोश के साथ 52 ओवरों का सामना किया और 3.23 के औसत से रन बनाए। भारत ने पहले दिन की समाप्ति तक चार विकेट पर 302 रन बनाए थे। कोहली 143 और अश्विन 22 रनों पर नाबाद लौटे थे।

दूसरे दिन इन दोनों ने भरपूर जोश के साथ खेलते हुए स्कोर को पहले 350 और फिर 400 के ऊपर पहुंचाया। कोहली भोजनकाल के ठीक बाद आउट हुए। उन्होंने 283 गेदों का सामना कर 16 चौके लगाए।

कोहली का विकेट गिरने के बाद अश्विन ने विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (40) के साथ 71 रनों की उपयोगी साझेदारी की। साहा ने 88 गेंदों का सामना कर एक चौका और एक छक्का लगाया।

भारत ने चायकाल तक छह विकेट पर 512 रन बनाए थे और उस समय तक अश्विन अपना शतक पूरा कर चुके थे। अमित मिश्रा 23 रन बनाकर शतकवीर का साथ दे रहे थे।

चायकाल के बाद भी यह साझेदारी जारी रही और दोनों ने सातवें विकेट के लिए 51 रन जोड़े। अश्विन 253 गेंदों पर 12 चौके लगाने के बाद 526 के कुल योग पर आउट हुए। मिश्रा का विकेट 566 के कुल योग पर गिरा।

मिश्रा ने जिम्मेदारी के साथ खेलते हुए चौथा अर्धशतक पूरा किया। अंतिम समय पर मिश्रा और समी ने काफी तेजी से रन बटोरे। दोनों ने नौवें विकेट के लिए 40 रन बटोरे। मिश्रा ने 68 गेंदों पर छह चौके लगाए जबकि समी ने नौ गेंदों पर दो छक्के उड़ाए।

–आईएएनएस