नई दिल्ली, 18 अप्रैल | केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी कोहिनूर हीरे को भारत से लूटकर नहीं ले गई थी, बल्कि सिख सम्राट महाराजा दिलीप सिंह ने उसे ब्रिटेन को उपहार में दिया था। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर तथा न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को सरकार ने इस बात से अवगत कराया। न्यायालय एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था।
एनजीओ ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फोरम ने न्यायालय से कोहिनूर हीरे को वापस लाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की है।
न्यायालय ने सरकार को हालांकि छह सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया और कहा कि यदि न्यायालय सरकार के रुख को स्वीकार कर लेता है, तो हीरे के ऊपर दावे के सभी रास्ते बंद हो जाएंगे।
वर्ष 1850 में अंग्रेजों-सिखों के बीच युद्ध के बाद 108 कैरट के इस हीरे को ब्रिटेन की तत्कालीन महारानी विक्टोरिया को भेंट किया गया था। युद्ध में सिखों की हार हुई थी और अंग्रेजों ने अविभाजित पंजाब के पूरे सिख साम्राज्य पर नियंत्रण कर लिया था।
फाईल फोटोः सर्वोच्च न्यायालय (आईएएनएस)
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