गुवाहाटी , 05 फरवरी (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खेल भावना जीवन का एक दर्शन है जो धैर्य, इच्छाशक्ति और मन में संतुलित तालमेल करती है। प्रदर्शन की चुनौती, प्रयास की खुशी, मित्रता और खेल में निष्पक्षता की भावना यह दर्शाती है कि इस प्रकार की खेल प्रतिस्पर्धाओं के दौरान किस प्रकार से संस्कृति, शिक्षा, नैतिकता, मर्यादा और समाज एक दूसरे के साथ बँधे होते हैं।
वे गुवाहाटी के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 12 वें दक्षिण एशियाई खेलों का उद्घाटन कर रहे थे। पांच से 16 फरवरी, 2016 तक चलने वाले दक्षिण एशियाई खेलों का आयोजन गुवाहाटी और शिलांग में हो रहा है। यह पूर्वोत्तर भारत में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा खेल महोत्सव है।
उन्होंने कहा कि इन खेलों का शुभंकर ‘तिखोर’ है, जो गैंडे के एक चपल और बुद्धिमान बच्चे का प्रतिनिधित्व करता है। उसमें खिलाड़ियों और युवा खेलप्रेमियों की खेल भावना सन्निहित है।
मोदी ने कहा कि खेलों से मुझे 3-टी का महत्व समझ में आता है। ये 3-टी हैं- टैलेंट, टीमवर्क और टुगेदरनेस। हमारे बीच पूरे दक्षिण एशिया के बेहतरीन और प्रतिभा से भरे युवा मौजूद हैं। आप अपने दल के गौरवशाली सदस्य हैं। आप अपने खेल की टीम के साथ खेलेंगे और अपने देश का भी प्रतिनिधित्व करेंगे।
इन खेलों के दौरान 23 खेलों में 228 प्रतिस्पर्धाएं होंगी। पदक तालिका के लिए कुल 228 स्वर्ण, 228 रजत और 308 कांस्य पदक दांव पर होंगे। 16 खेल गुवाहाटी में आयोजित किए जाएंगे। इनमें खो-खो, कबड्डी, हैंडबाल, शूटिंग, एथलेटिक्स, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, तैराकी, ट्रायथलन, हॉकी, भारोत्तोलन, कुश्ती, स्क्वाश, साइकिलिंग और टेनिस शामिल हैं।
वहीं शिलांग में सात खेलों का आयोजन होगा। इनमें तीरंदाजी, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, जूडो, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो और वुशु शामिल हैं। पुरुष फुटबॉल स्पर्धा गुवाहाटी और महिला फुटबॉल स्पर्धा शिलांग में आयोजित होगी।
“इस आयोजन से दक्षिण एशियाई देशों की एकता भी परिलक्षित होती है। हम चाहे अफगानिस्तान के हों या बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के हों, लेकिन हमारा घर दक्षिण एशिया है” उन्होंने कहा।
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