पटना, 22 अगस्त | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां सोमवार को कहा कि गंगा की स्वच्छता उसकी अविरलता पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि जब से फरक्का बांध बना है, तब से लगातार गंगा नदी में सिल्ट जमा होता चला जा रहा है। गंगा नदी आज छिछली हो गई है। पटना में ‘युगांतर प्रकृति’ पत्रिका का लोकर्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “आज लोग अपनी सुविधा देखते हैं, पर्यावरण की चिंता कम करते हैं। इसी का परिणाम हम आज देख रहे हैं। ग्लोबल वार्मिग पर लगातार बैठकें हो रही हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल रहा है।”
फोटो : बिहार में आई बाढ़ का 21 अगस्त, 2016 को हवाई निरीक्षण करते नीतीश कुमार। (आईएएनएस)
उन्होंने कहा कि आज सामाजिक तौर पर सक्रिय लोगों पर पर्यावरण के मुद्दों पर हो रही चर्चा का प्रभाव हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने गंगा नदी की स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा, “जब से गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी का गठन हुआ है, तब से लेकर अब तक इसकी बैठक तथा अन्य बैठकों में मेरे द्वारा बार-बार गंगा के सिल्टेसन का मुद्दा उठाया जा रहा है। फरक्का बराज से किसका लाभ हुआ यह तो केंद्र सरकार को ही पता होगा।”
उन्होंने कहा कि जब से फरक्का बांध बना है, तब से लगातार गंगा नदी में सिल्ट जमा होते चला जा रहा है। गंगा नदी आज छिछली हो गई है। पिछले 10 वर्षो से गंगा नदी के बहाव में काफी गिरावट आई है।
नीतीश ने कहा, “मैंने केंद्र सरकार से लगातार मांग की है कि निष्पक्ष विशेषज्ञ भेज गंगा के सिल्टेसन का अध्ययन कराया जाए और सिल्ट मैनेजमेंट का उपाए निकाला जाए। जब तक ये नहीं किया जाएगा, तब तक भारत सरकार की ‘नमामि गंगे परियोजना’ सफल नहीं होगी।”
‘युगांतर प्रकृति’ पत्रिका के मुख्य संरक्षक झारखंड के मंत्री सरयू राय हैं। उन्होंने इस मौके पर राय ने कहा कि इस पत्रिका का प्रकाशन लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए किया जा रहा है। –आईएएनएस
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