कानपुर, 20 अगस्त (जस)। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने शुक्रवार को कानपुर में गंगा बैराज पर नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय हाइब्रिड एन्यूटी आधारित पी पी पी मॉडल के माध्यम से शोधित जल के पुनः इस्तेमाल के लिए बाज़ार विकसित करेगा जिससे एसटीपी और ईटीपी से निकलने वाला जल वापस नदी में न जाये। उमा भारती ने कहा कि इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों के साथ समझौता ज्ञापन भी किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘’हम गंगा जी के संरक्षण के लिए निर्धारित प्रक्रिया से गुजरेंगे। किसी भी जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेंगे जिससे कि आबंटित धनराशि व्यर्थ न जाए।‘’
कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कानपुर से लोकसभा सदस्य डॉ मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि गंगा की आज जो दुर्दशा हो रही है उसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। हमें गंगा के प्रति अपने स्वभाव में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि गंगा का इतिहास बताने वाले एक दृश्य और श्रव्य कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में इस अभियान के प्रति जागरूकता फैलाई जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा सात राज्यों— उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और हरियाणा में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों का क्रियान्वयन प्राथमिकता के तौर पर किया जा रहा है। इसी के तहत 7 जुलाई 2016 को सातों राज्यों में 231 परियोजनाओं का एक ही समय पर अलग-अलग स्थानों पर एक साथ शुभारंभ किया गया। इसमें विभिन्न घाटों के नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का पुनर्वास एवं विकास, वृक्षारोपण व जैव विविधता संरक्षण की परियोजनाएं शामिल हैं। कानपुर में प्रवेश स्तर की गतिविधियों के अंतर्गत 11 घाटों और 2 शवदाह गृहों के निर्माण का काम शुरु किया गया।
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