गणगौर महोत्सव की पूर्व संध्या पर मेंहदी रचे हाथ दर्शाती युवती।

जयपुर में 8 अप्रैल, 2016 को गणगौर महोत्सव की पूर्व संध्या पर में मेंहदी रचे हाथ दर्शाती युवती। फोटोः रवि शंकर व्यास

राजस्थान में गणगौर का परंपरागत त्यौहार होली के दूसरे दिन से ही शुरू होजाता है और 16 दिन तक मनाया जाता है।होलिकादहन के बाद उसकी राख से महादेव और पार्वती की भावनात्मक मूर्तियां बनाकर उसे सुहागिन स्त्रियां घरों में स्थापित करती हैं। इस दौरान ईसर जी और गौरी की  यानी शिव और पार्वती की पूजा होती है। कई घरों में लकड़ी के बने शिव पार्वती  की पूजा होती है और नाच गाना होता है। यह त्यौहार मंगलकामना और सुख, समृद्धि और उल्लास का त्यौहार है। राज्य के कुछ इलाकों में इन दिनों मेले भी लगने की परंपरा रही है।