तापमान 40 डिग्री से पार हो रहा है। इससे बच्चों का प्रभावित होना स्वाभाविक है। गर्मी में गला खराब होना, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां आम बात हैं। लेकिन अगर उचित सावधानियां रखी जाएं तो ज्यादातर बीमारियों से बचाव हो सकता है। गर्मियों में बच्चों के स्कूल की छुट्टियां होती हैं और उनके पास काफी खाली वक्त होता है। लेकिन माता-पिता की व्यस्तता के कारण उनकी सेहत नजरअंदाज हो जाती है। बेहद जरूरी है कि बच्चे गर्मियों में भरपूर पानी पीएं, गर्मी के समय ज्यादा बाहर न निकलें और पूरा आराम करें।
इस बारे में जानकारी देते हुए ‘हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ के प्रेसिडेंट और आईएमए के ऑनरेरी सेक्रेटरी डॉ के.के. अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को गर्मियों में सेहतमंद और सुरक्षित रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी हैं। बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी और पोषक आहार देना बेहद जरूरी है। डीहाईड्रेशन, हीट एग्जॉशन और हीट स्ट्रोक से बचने के लिए ज्यादा सावधान रहना जरूरी है।
गर्मियों के मौसम में बचें इन आम बीमारियों से –
- सन स्ट्रोक- आमतौर पर गर्मियों में सनस्ट्रोक की समस्या हो जाती है क्योंकि इस मौसम में शरीर की खुद को ठंडा रखने की क्षमता कम हो जाती है। सनस्ट्रोक से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना जरूरी है। हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने पर लोगों को तेज बुखार और कमजोरी महसूस होती है।
- फोड़े- गर्मी के कारण शरीर के कई हिस्सों में छाले या फोड़े निकल आते हैं। इस मामले में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- एलर्जी- धूल और गर्मी से एलर्जी होना आम बात है। इसलिए तेज धूप में बाहर जाने से बचें।
- हैजा, टायफायड, पीलिया और दस्त पानी से होने वाली आम बीमारियां हैं जो बाहर के खाने से होती हैं। बाहर का खाना गर्मी में जल्दी खराब हो जाता है। गर्मी में पानी की मांग बढ़ जाती है और प्रदूषित पानी के कारण बीमारियां फैलती हैं।
- खाने से होने वाली बीमारियां- बैक्टीरिया गर्म और नमी युक्त माहौल में पैदा होते हैं। इनसे खाने में विषैलापन पैदा होने से बीमारियां फैलती हैं।
- मच्छरों से होने वाली बीमारियां- इधर-उधर पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं जिससे डेंगू, मलेरिया और मच्छरों से होने वाली दूसरी बीमारियां फैलती हैं।
बचाव के लिए सुझाव –
- सड़क पर बिकने वाले कटे हुए फल और दूसरी खाने की चीजें बच्चों को न खिलाएं।
- बच्चों को इस मौसम में मसालेदार और तली हुई चीजें न खिलाएं। ये पचने में भारी होती हैं। ताजे फल, हरी सब्जियों और ताजे फल के रस जैसे सेहतमंद और हल्के भोजन का सेवन करें।
- बच्चों को प्यास न लगने पर भी पानी पीते रहने के लिए प्रेरित करें, ताकि डीहाईड्रेशन न हो।
- उन्हें नींबू का रस, नारियल पानी और दूसरे प्राकृतिक तरल पदार्थ दें जो शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखते हैं।
- उन्हें हल्के एवं खुले कपड़े पहनाएं।
- तंदुरुस्ती के लिए बच्चों के साथ सुबह जल्दी या देर शाम कसरत करें।