फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा (Gaza)में युद्ध से हुई भारी तबाही के बीच, ग़ाज़ा में एक घातक बीमारी (deadly disease) फैलने की आशंकाओं ने भी डॉक्टरों को “भयभीत” कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र, 30 नवंबर। यूएन मानवीय सहायता एजेंसियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ग़ाज़ा में युद्ध से हुई भारी तबाही के बीच, वहाँ घायलों की ज़िन्दगियाँ बचाने के लिए, मानवीय सहायता आपूर्ति में तत्काल बहुत तेज़ी लानी होगी।
मंगलवार को मानवीय युद्ध-ठहराव का पाँचवाँ दिन रहा जिस दौरान यूएन सहायता एजेंसियों ने राहत सामग्रियों की आपूर्ति जारी रखी है।
ग़ाज़ा के युद्ध-ग्रस्त उत्तरी इलाक़े में ईंधन पहुँचाना, प्राथमिकताओं में शामिल है ताकि इसका इस्तेमाल, अस्पतालों में बिजली मुहैया कराने, स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने और अन्य अहम बुनियादी सेवाएँ जारी रखने में किया जा सके।
ये सेवाएँ, 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इसराइल में किए गए एक घातक हमले के बाद, ग़ाज़ा में शुरू हुई भीषण बमबारी में, बुरी तरह ध्वस्त हुई हैं।
हमास के उस हमले में 1200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बन्धक बनाया गया था। ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, उसके बाद फ़लस्तीनी क्षेत्रों पर इसराइली हमलों में, 15 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएँ व बच्चे हैं।
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े से ख़बर दी है कि अल-शिफ़ा अस्पताल के एक डॉक्टर ने उन्हें बताया है कि बच्चों के लिए, वायु और ज़मीन दोनों तरफ़ से गम्भीर जोखिम हैं, जो डायरिया और साँस सम्बन्धी संक्रमणों के रूप में हैं।
जेम्स ऐल्डर ने बताया कि वो डॉक्टर, बीमारी के फैलाव को लेकर, एक चिकित्साकर्मी के नाते, बहुत भयभीत था, जो वहाँ फैल रही है और वो बीमारी उन बच्चों को शिकार बनाएगी जिनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर है और जिन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है।
इस बीच, मानवीय युद्ध-ठहराव की अवधि को आगे बढ़ने के बदले में, और अधिक बन्धकों की रिहाई के बारे में वार्ताएँ जारी हैं।
ऐसे माहौल में, यूनीसेफ़ ने, बहुत से ऐसे बच्चों की हालत के बारे में बात की है जो अपनी ज़िन्दगियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, “युद्ध की भीषण तबाही के ज़ख़्मों के साथ, कार पार्कों में अस्थाई बिस्तरों, हर तरफ़ बाग़ीचों में, डॉक्टरों को इस बारे में हृदय विदारक निर्णय करने पड़ रहे हैं, कि वो पहले किस मरीज़ को चिकित्सा मुहैया कराएँ।”
जिनीवा में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी – WHO ने ग़ाज़ा में ज़रूरतों के विशाल दायरे के बारे में बताया है कि 24 नवम्बर को शुरू हुए मानवीय युद्ध-ठहराव के बाद किए गए आकलन में, नज़र आता है कि हर जगह, हर किसी की, विशाल और गम्भीर स्वास्थ्य ज़रूरते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने जिनीवा में कहा है कि ऐसा इसलिए है “क्योंकि वो लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनके पास स्वच्छ पानी नहीं और वो अत्यधिक भीड़ वाले स्थानों पर रहे हैं… दरअसल बात ये है कि अगर आप बीमार हैं, अगर आपके बच्चे को डायरिया हो गया है, अगर आप साँस के संक्रमण के शिकार हैं, तो आपको कोई मदद नहीं मिलने वाली है।”
इस बीच, यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – UNOCHA ने नवीनतम जानकारी में बताया है कि ग़ाज़ा वादी के दक्षिणी हिस्से में राहत सामग्री की आपूर्ति तेज़ कर दी गई है, जहाँ ग़ाज़ा के लगभग 17 लाख विस्थापित लोगों की अधिकर संख्या ठहरी हुई है।
एजेंसी ने बताया है, “अस्पतालों, पानी और स्वच्छता सुविधाओं व आश्रय मुहैया कराने वाली सेवाओं को, बिजली जैनरेटर चलाने के लिए, दैनिक आधार पर ईंधन प्राप्त हो रहा है.” (संयुक्त राष्ट्र समाचार)
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