जयपुर, 28 जनवरी। गांवों के समुचित विकास को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकाधिक प्रयास करें। राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने गुरुवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट कांफ्रेंस हाल में ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि प्रदेश में सालाना 13-14 हजार करोड़ के विकास कार्य कराए जाते हैं। सरकारी योजनाओं का बजट निर्धारित समयावधि में खर्च होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधि विकास कार्यों की मोनिटरिंग भी करें। गांवों के विकास के लिए सबको मिलकर सोचना होगा। मुख्यमंत्री जल स्वावंलबन अभियान, स्वच्छ भारत मिशन में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान के प्रवासियों, संस्थाओं, धार्मिक संतों का भी यथासंभव सहयोग लिया जाए।
उन्होंने कहा कि पानी की एक बूंद भी व्यर्थ नहीं बहे, महाराष्ट्र की तर्ज पर राजस्थान को जल के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में यथासंभव सहयोग के साथ इसकी मोनिटरिंग की जाए, ताकि गुणवतापूर्ण कार्य हो। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों में मशीनरी का इस्तेमाल नहीं हो, साथ की कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि अगर कोई जेसीबी वगैरह इस्तेमाल करता हुआ पाया जाए तो मशीनरी जब्त की जाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाए। उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा योजना में कन्वर्जेन्स करवाने की बात कही। ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर वृहद् स्तर पर विकास कार्य कराए जा सके।
पंचायतीराज मंत्री गोयल ने कहा कि विकास योजनाओं में किसी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चार हजार ग्रामसेवकों की जल्दी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायतीराज में रिक्त पदों की व्यवस्था के समाधान के लिए ग्रामसेवकों का चार्ज कनिष्ठ लिपिकों एवं पंचायत प्रसार अधिकारियों को देने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा 63 विकास अधिकारी अप्रैल माह में प्रशिक्षण के उपरांत पदभार संभालेंगे। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन में राजस्थान के प्रथम स्थान रहने पर बधाई देते हुए कहा कि बाड़मेर जिले में जन प्रतिनिधि इस अभियान में सहयोग दें।
समीक्षा बैठक के दौरान पंचायतीराज मंत्री ने इंदिरा आवास के अपूर्ण कार्यों के लिए विकास अधिकारियों की व्यक्तिश: जिम्मेदारी निर्धारित करने एवं मार्च माह के उपरांत भी कार्य पूर्ण नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास योजना के तहत बने आवासों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन भी करवाया जाए। इस दौरान जलग्रहण योजना में तथाकथित अनियमितता की शिकायत के संबंध में जिला कलक्टर को तकनीकी कमेटी गठित करवाकर जांच करवाने के निर्देश दिए गए।
Follow @JansamacharNews