गांव-ढाणी तक हर आयुवर्ग के लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन हो। वैक्सीन ही कोरोना महामारी से बचाव के लिए मुख्य उपाय है। हमारा प्रयास हो कि वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप प्रदेश में वैक्सीनेशन हो।
कोरोना की तीसरी लहर कब आ जाए, कोई नहीं जानता। ऎसे में, प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन का कार्य तेज गति से पूर्ण करना जरूरी है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वैक्सीनेशन प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 7 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है और वैक्सीन वेस्टेज एक प्रतिशत से भी कम रहा है। यह वैक्सीनेशन में राजस्थान के उत्कृष्ट प्रबंधन को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले में अब तक अव्वल रहा है और आगे भी इसी तरह बेहतरीन प्रबंधन के साथ हमें इस काम को गति देनी होगी, ताकि भविष्य में तीसरी लहर के संक्रमण के खतरे का असर कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में सांसद एवं विधायक से लेकर पंच-सरपंच स्तर तक सभी जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में विशेष शिविरों के माध्यम से ऑनस्पॉट रजिस्टे्रशन कर लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए। इन शिविरों में टेन्ट, पेयजल और बैठने के लिए समुचित व्यवस्थाएं की जाएं। साथ ही, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी वैक्सीनेशन साइट पर भीड़-भाड़ और कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हो।
वैक्सीनेशन शिविरों के प्रबंधन में स्थानीय सरपंच, पंच, बीएलओ, ग्राम सेवक एवं पटवारी आदि का सहयोग लिया जाए। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों, औद्योगिक संगठनों एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विशेष शिविर आयोजित किए जाएं।
गहलोत ने कहा कि वैक्सीनेशन के दौरान आयोजित किए जाने वाले शिविरों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही, लोगों को वैक्सीनेशन की जगह एवं दिन के संबंध में समय पर जानकारी दी जाए।
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