गुजरात की 75 फीसदी आबादी मा-अन्नपूर्णा योजना के दायरे में

अहमदाबाद, 07 अप्रैल (जनसमा)। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को मा-अन्नपूर्णा योजना का राज्यव्यापी शुभारंभ करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अंत्योदय परिवारों के अलावा प्राथमिकता वाले सभी परिवारों को अब रियायती दरों पर गेहूं एवं चावल दिया जाएगा। इसके चलते राज्य की 75 फीसदी आबादी को योजना का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों के शासनकाल में राज्य के 1 करोड़ 88 लाख लोगों को ही रियायती दरों पर दो रुपए प्रति किलो गेहूं एवं तीन रुपए प्रति किलो चावल मिलते थे। भारतीय जनता पार्टी की गरीब हितैषी सरकार द्वारा इस योजना का दायरा बढ़ाने से अब 3 करोड़ 82 लाख नागरिकों को मा-अन्नपूर्णा योजना के अंतर्गत रियायती दरों पर अनाज मिलने से वे अन्न सुरक्षा से लाभान्वित होंगे।

पटेल ने कहा कि अंत्योदय एवं दरिद्रनारायण की सेवा का दायित्व अदा करते हुए इस सरकार ने नियमों में बदलाव की पहल की है। इससे पूर्व बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को मिलने योग्य अनाज में परिवार में सदस्यों की संख्या की गणना नहीं की जाती थी। लेकिन अब उस नियम में बदलाव कर परिवार के प्रति सदस्य पांच किलो अनाज देने का पैमाना तय किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की है जिसमें गरीब एवं मध्यम वर्ग के परिवारों को उनकी पात्रता के मुताबिक मा-अन्नपूर्णा योजना का लाभ हासिल करने में कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि अब बीपीएल कार्ड का आग्रह रखे बिना प्राथमिकता के मापदंडों को पूरा करने वाले परिवारों को रियायती दर पर अनाज दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार गरीब हितैषी सरकार है और न सिर्फ अन्न सुरक्षा बल्कि स्वास्थ्य कल्याण के लिए भी गरीब परिवारों के साथ हमेशा खड़ी रहती है। गरीब एवं मध्यम वर्ग परिवारों को स्वास्थ्य रक्षा कवच प्रदान करने के लिए मा-वात्सल्यम कार्ड के अंतर्गत 7.62 लाख लोगों को लाभ मुहैया कराया गया है एवं 90 हजार मरीजों को 143 करोड़ रुपए की उपचार सहायता प्रदान की है। माता-बहनों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए राज्यव्यापी ब्रेस्ट-सर्वाइकल केन्सर परीक्षण निदान में 75 लाख बहनों तथा डायबीटिज स्क्रीनिंग में 45 लाख नागरिकों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मंशा है कि गरीब-अंत्योदय तथा किसान सहित सभी को राज्य सरकार की विविध कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अविलंब मिले। किसानों को मात्र एक फीसदी ब्याज दर पर ऋण सहायता मुहैया कराने की जानकारी भी उन्होंने दी।

इस मौके पर उन्होंने लगभग 35 लाभार्थियों को मा-अन्नपूर्णा योजना के अनाज का प्रतीक स्वरूप वितरण किया।