नई दिल्ली, 20 जुलाई| गुजरात के उना में दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा की मांग के बीच बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि मंगलवार को जिस दलित युवक ने आत्महत्या की। वह उन पांच दलित युवकों में शामिल है जिन्होंने गुजरात में अलग-अलग घटनाओं में आत्महत्या करने का प्रयास किया।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित विभिन्न पार्टियों के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस भी जमा कराए।
फाइल फोटो टीवी राज्यसभा
राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन नोटिसों की जांच कर रहे थे कि विपक्षी सदस्यों ने सभापति के आसन के पास जाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी।
इसके बाद सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि गुजरात सरकार ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
विपक्षी सदस्यों के विरोध और नारेबाजी के बीच गहलोत ने कहा, “गुजरात सरकार ने कार्रवाई की है। प्राथमिकी दर्ज की गई है और दलितों के खिलाफ अत्याचार पर कदम उठाए गए हैं। सरकार पीड़ित दलित परिवारों को वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करा रही है।”
मंत्री ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं और दो महीने में जांच रिपोर्ट आ जाएगी।
उन्होंने दलित के जहर खाकर आत्महत्या करने पर दुख भी व्यक्त किया।
गहलोत ने कहा, “कुछ लोगों ने जहर खाया था जिसमें से एक की मौत हो गई। यह दुखद है। उन्हें भी वित्तीय मदद दी जाएगी।”
हालांकि मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने नारेबाजी जारी रखी। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के पोडियम के पास खड़े हो गए, जिसके बाद कुरियन ने दोपहर 12 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
जैसे ही 12 बजे सदन की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई। सदन के भीतर हालात पहले जैसे ही थे, जिस वजह से सभापति हामिद अंसारी को सदन की कार्यवाही दोपहर 12.31 बजे और फिर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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