राजकोट, 20 जुलाई | दलित युवकों की पिटाई से क्षुब्ध दलित समुदाय द्वारा बुलाए गए ‘गुजरात बंद’ का कुछ जगहों पर आंशिक असर रहा और छिटपुट जगहों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं हुईं। इस बीच सौराष्ट्र इलाके में बुधवार को पांच और दलित युवकों ने विरोध-प्रदर्शित करते हुए खुदकुशी की कोशिश की। गिर-सोमनाथ जिले के उना निवासी चार दलितों युवकों की 11 जुलाई को गोकशी के आरोप में बुरी तर पिटाई की गई थी। उल्लेखनीय है कि युवक मरी हुई गाय की चमड़ी उतार रहे थे, जो कि उनका पैतृक पेशा है।
दलित युवकों की पिटाई वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पूरे देश में दलित उत्पीड़न पर छिड़ी बहस और राज्य में फैली अशांति के बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को दलित युवकों के गांव पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल पटेल गुरुवार को पीड़ित दलित युवकों से मुलाकात करेंगे और बीते तीन दिनों में इलाके में पांच अन्य दलित युवकों द्वारा खुदकुशी की कोशिश की जांच-पड़ताल करेंगे। खुदकुशी करने वाले पांच युवकों में एक युवक की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल बुधवार की सुबह दीव हवाईअड्डे पर उतरीं और वहां से उना तालुका के मोटा समाधियाला गांव के लिए रवाना हुईं, जहां उन्होंने पीड़ित चार दलित युवकों के परिजनों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री को देख दलित युवकों के परिजन रो पड़े।
दलित परिवारों के साथ आनंदीबेन ने बातचीत की और दावा किया कि गांव के 25 दलित परिवार मामले में सरकार की तरफ से उठाए गए कदम से संतुष्ट हैं।
घटना से क्षुब्ध दलित समुदाय द्वारा बुलाए गए ‘गुजरात बंद’ का सौराष्ट्र में सर्वाधिक असर रहा, हालांकि राज्य के अन्य हिस्सों में मिला-जुला असर ही रहा।
इस बीच आगजनी और हिंसा फैलाने के आरोप में 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि अब तक कहीं से जनहानि की खबर नहीं आई है।
सौराष्ट्र में जूनागढ़, सुरेंद्रनगर, राजकोट, मोर्बी, महुवा और भावनगर जबकि मध्य और उत्तरी गुजरात के खेड़ा, मेहसाणा, पालनपुर, पाटन और छोटा उदयपुर से कुछ जगहों पर मार्ग अवरुद्ध किए जाने की खबरें आई हैं।
इन शहरों में हजारों की संख्या में दलित समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और रैलियां निकाली तथा दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को जबरन बंद करवा दिया।
राज्य परिवहन निगम को भी सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात में कई मार्गो पर अपनी सेवाएं रोकनी पड़ीं। इस बीच सौराष्ट्र में एक दर्जन के करीब सरकारी और निजी बसों को आग लगा दी गई।
पोरबंदर में प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट रोड के नजदीक एक निजी बस को आग लगा दी और खूब पत्थरबाजी की। बंद समर्थकों ने पुलिस उप अधीक्षक (ग्रामीण) के कार्यालय पर भी हमला किया और पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए।
दलित युवकों के साथ मारपीट के विरोध में राजकोट के मोटी नगर में सरकारी अस्पताल के नजदीक मृत जनवरों का ढेर लगाने की कोशिश कर रहे दलित समुदाय के 10 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने सूरत के कोसांबा कस्बे से 70 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। इस बीच सूरत में हजारों की संख्या में दलित समुदाय ने रैली निकाली।
अहमदाबाद में करीब आधे दिन के लिए प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने दुकानें बंद करवा दीं।
अहमदाबाद के सारंगपुर और दलित बहुल कलापीनगर, असरवा, सैजपुर, माजुरगाम, अमरायवाड़ी, सरसपुर कस्बों से कम से कम 75 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
अहमदाबाद का मेमको-नरोदा चौराहा पूरे दिन बंद रहा।
इसके अलावा पुलिस को अहमदाबाद के पूर्वी हिस्से में चांदखेड़ा, जूना वडाज, भिमजीपुर, चांदलोडिया और रानिप से जबरन बंद करवा रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हल्की लाठीचार्ज करना पड़ा।
अहमदाबाद नगर निगम के 1,500 सफाईकर्मी भी हड़ताल पर बैठ गए हैं।
राज्य सरकार ने इस बीच सीआईडी को घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और गुजरात उच्च न्यायालय के परामर्श से एक विशेष अदालत का गठन किया है। सीआईडी को मामले की जांच पर अपनी रिपोर्ट 60 दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है।
पुलिस ने मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है।
बुधवार को आत्महत्या की कोशिश करने वालों में हिराभाई सोलंकी, विनोद नानजी सोलंकी और हितू नातूभाई चौहान शामिल हैं। तीनों ने जहर खा लिया और उसके बाद आत्मदाह की कोशिश भी की। उन्हें तत्काल धोराजी राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
बोटड़ में एक और व्यक्ति ने जहर खाने की कोशिश की। उसकी पहचान नहीं हो सकी है। वहीं गोंडाल में सुरेश लक्ष्मनभाई वानिया ने भी कथित तौर पर जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
गौरतलब है कि बीते 72 घंटों में 17 लोगों ने अब तक खुदकुशी की कोशिश की है।
इस बीच पीड़ितों के परिवार वालों से मिलने उनके गांव पहुंचीं मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित दलित परिवारों को घर और शौचालय बनवाने के लिए आर्थिक मदद देगी। उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष शिविर लगाया जाएगा।
कक्षा पांच और उससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ रहे दलित परिवारों के बच्चों को सरकारी मॉडल स्कूलों में निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन को यह सारे कार्य एक महीने में पूरे करने का आदेश दिया है और दो महीने के बाद वह कार्य की प्रगति देखने के लिए दोबारा आएंगी।
आनंदीबेन ने कहा, “पीड़ित चार दलित युवकों के परिवारों को पुलिस सुरक्षा दिए जाने का आदेश दिया है, क्योंकि उन्होंने धमकी भरे फोन आने की शिकायत भी की है। इस तरह के फोन रिकॉर्ड किए जा रहे हैं और इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे गिरफ्तार किया जाएगा।”
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