नई दिल्ली, 17 फरवरी (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरूत्वाकर्षण तरंगों पर अनुसंधान के लिए लिगो-भारत वृहत विज्ञान प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इससे भारतीय उद्योग के लिए आधुनिकतम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर उत्पन्न होंगे, जिससे समतल भू-भाग पर अल्ट्रा हाई वैक्यूम पर 8 किलोमीटर लम्बे बीम ट्यूब का निर्माण किया जाएगा।
परमाणु ऊर्जा तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा लिगो-भारत परियोजना (लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल-वेव अब्ज़रवेटरी इन इंडिया) के नाम से प्रसिद्ध प्रस्ताव को शुरू किया गया है।
यह मंजूरी उस समय दी गई है, जब कुछ दिन पहले ही गुरूत्वाकर्षण तरंगों की महत्वपूर्ण और युगांतरकारी खोज की गई है, जिससे ब्रहमांड के गूढ़ रहस्यों को सुलझाने की नई खिड़की खुली है।
देश में गुरूत्वाकर्षण तरंगों की वेधशाला, लिगो-भारत परियोजना अमरीका में लिगो प्रयोगशाला चलाने वाली केल्टेक और एमआईटी के सहयोग से स्थापित की जाएगी। इस परियोजना से वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को गुरूत्वाकर्षण तरंगों की गहराई में जाकर अध्ययन करने और नये खगोलीय क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।
इस परियोजना से भारतीय छात्रों और युवा वैज्ञानिकों को ज्ञान के नये क्षेत्रों को तलाशने की प्रेरणा मिलेगी और देश में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र को और प्रोत्साहन मिलेगा।
फोटो साभार : नासा
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