गूगल साथ मिल कर आगामी तीन सप्ताह में गुजरात सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा लगभग 10 हज़ार लोगों को साइंस सिटी में प्रशिक्षण देगा।
यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को आगामी समय की टेक्नोलॉजी से सुसज्ज करने के लिए गूगल जैसी विश्वविख्यात कंपनियों के साथ मिल कर प्रयासरत रहना है।
पटेल मंगलवार 28 फरवरी, 2023 को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर अहमदाबाद में सोला स्थित गुजरात साइंस सिटी (गुजरात विज्ञान नगरी) में आयोजित साइंस कार्निवल 2023 का शुभारंभ कर रहे थे।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विकास के विशिष्ट विज़न तथा विश्वस्तरीय सुविधाओं का गुजरात में निर्माण करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दीर्घदृष्टि को हम इस साइंस सिटी के माध्यम से देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस बात का गौरव के साथ उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री द्वारा बच्चों में बचपन से ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अभिरुचि जगाने के लिए प्रारंभ कराई गई साइंस सिटी आज विश्वस्तरीय साइंस सिटी बन गई है।
पटेल ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में बच्चे तथा युवा रुचि ले सकें; इसके लिए प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति में आधुनिक एवं समयानुकूल शिक्षा को वेग दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने इस पूरे दशक को टेक्नोलॉजी का दशक बनाया है। गुजरात की वर्तमान सरकार भी इसी परम्परा का अनुकरण करते हुए ज़िला मुख्यालयों पर साइंस सेंटर्स (विज्ञान केन्द्र) स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों के तथा सुदूरवर्ती बच्चों को भी निकटतम् स्थान पर साइंस सिटी जैसी विज्ञान नगरी की सुविधा देकर आगामी दिवसों में नॉलेज बेस्ड सोसाइटी का निर्माण करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के लिए इस वर्ष के बजट में 2193 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। आज का युग साइंस-टेक्नोलॉजी, स्पेस साइंस, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का है।
उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि साइंस कार्निवल 2023 आकाश दर्शन से लेकर विभिन्न वर्कशॉप्स के माध्यम से बाल विद्यार्थियों में स्पिरिट ऑफ़ इनक़्वाइरी को प्रोत्साहन देगा।
इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि साइंस कार्निवल 2023 वास्तव में विज्ञान का महा उत्सव है।
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