अभिषेक उपाध्याय===
नई दिल्ली, 25 जून | भारत में गोल्फ की लोकप्रियता में पहले से इजाफा हुआ है, खिलाड़ी अब इसमें अपना करियर देखते हैं, लेकिन फिर भी महंगा खेल होने के कारण यह खेल कई लोगों से अछूता रह जाता है, यह कहना है गोल्फ कोच विक्रम सेठी का।
विक्रम ने दिल्ली गोल्फ कोर्स क्लब में लगाए गए उषा जूनियर ट्रेनिंग प्रोग्रम (जेटीपी) गोल्फ शिविर में बच्चों को गोल्फ के गुर सिखाए। यह शिविर 16 मार्च से 24 जून तक चला। इस शिविर में आठ से 15 साल के बच्चों ने हिस्सा लिया था।
शिविर के समापन सामोरह में शामिल होने आए विक्रम ने कार्यक्रम से इतर शुक्रवार को आईएएनएस से बातचीत में कहा “जिसके अंदर खेल को लेकर जुनून होता है वह किसी भी जगह कहीं भी खेल सकता है। अगर आप में लगन है तो आप कुछ भी कर सकते हैं। हर खिलाड़ी के पास सुविधा नहीं होती है, लेकिन लगन और जुनून से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”
भारत में गोल्फ के कई अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन फिर भी देश इस खेल के शीर्ष खिलाड़ियों के बराबरा का कोई खिलाड़ी खड़ा नहीं कर पाया, इसकी वजह के बारे में जब विक्रम से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा अंतर गोल्फ खेलने वाले खिलाड़ियों का है। अगर आंकड़े देखें तो अमेरिका या दूसरे देशों में इस खेल के कई खिलाड़ी हैं। वहां ज्यादा सुविधाएं, ज्यादा कोर्स है। साथ ही तकनीक भी जोकि बहुत जरूरी है।”
उन्होंने इसके पीछे विजेता राशि का कम होना भी एक कारण बताया। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ी बात है वहां विजेता राशि में मिलने वाला पैसा ज्यादा है, जिसके कारण प्रेरणा मिलती है।”
विक्रम से जब पूछा गया कि क्या महंगा खेल होने के कारण इस खेल से कई लोग महरूम रह जाते हैं तो उन्होंने कहा कि यह सच है और यह इसलिए क्योंकि हमारे पास सुविधाएं कम हैं।
उन्होंने कहा, “बिल्कुल सही, यह महंगा खेल है इसलिए कई लोग इसे नहीं खेल पाते हैं, क्योंकि सुविधाएं कम हैं। जैसे क्रिकेट में आप किसी भी मैदान पर खेल सकते हैं, और वहीं से क्रिकेट खिलाड़ी बनते हैं। लेकिन गोल्फ में ऐसा नहीं है क्योंकि इसके लिए कोर्स होना चाहिए, और वो हमारे देश में कम हैं क्योंकि कोर्स बनाना काफी महंगा होता है।” —आईएएनएस
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