नई दिल्ली, 26 जून | देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 6 करोड़ लोगों के लिए शीघ्र ही नया डिजिटल साक्षरता अभियान शुरू किया जाएगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहल जिनके पास कम्प्यूटर और इंटरनेट है और जिनके पास नहीं है, उनके बीच के अंतर को दूर करने के लिए शुरू की गई है।
भारत की ई गवर्नेस सेवा ‘सीएससी’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश कुमार त्यागी ने कहा, “सरकार छह करोड़ लोगों के प्रशिक्षण के लिए 300 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च करेगी। यानी, कुल खर्च 1,800 करोड़ रुपये आएगा।”
त्यागी ने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा, “ये छह करोड़ लोग हमारी कुल ग्रामीण आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं। सरकार का लक्ष्य तीन वर्षो में इन छह करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना है। संभावना है कि जुलाई के अंत तक इसके लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाएगी।”
‘नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन’ को 2014 में ज्ञात हुआ कि ग्रामीण भारत में 94 प्रतिशत लोगों के पास कम्प्यूटर नहीं है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में इसी मुद्दे पर कहा था, “हमें अपने जनसांख्यिकीय लाभ से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने की जरूरत है। हमें ग्रामीण भारत में डिजिटल साक्षरता का प्रसार करने की जरूरत है। हम अगले तीन साल के भीतर करीब छह करोड़ अतिरिक्त घरों में डिजिटल साक्षरता के लिए ग्रामीण भारत के लिए एक नए डिजिटल साक्षरता अभियान योजना को शुरू करने की योजना बना रहे हैं।”
त्यागी ने बताया कि नई योजना राष्ट्रीय डिजिटल सारक्षता योजना से अलग होगी जिसके लिए भारतीय ई गवर्नेस सेवा ‘सीएससी’ अब तक पहले ही 30 लाख लोगों को प्रशिक्षित कर चुकी है।
उन्होंने कहा, “इस साल, ग्रामीण स्तर के उद्यमियों की मदद से और 22.5 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा।”
त्यागी ने कहा, “इन केंद्रों का उद्देश्य पहले से ही अन्य मिशन मोड परियोजनाओं के संबंध में बनाए गए बुनियादी ढांचे का उपयोग करके ग्रामीण नागरिकों के लिए भेदभाव रहित ई-सेवा मुहैया कराना है।”
त्यागी ने कहा, “जून तक हम देशभर में 1,70,000 केंद्र स्थापित कर चुके थे। इस साल के अंत तक 2,50,000 ग्राम पंचायतों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। हर ग्राम पंचायत में एक केंद्र होगा।” —आईएएनएस
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