मुंबई, 30 अप्रैल | हिंदी फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता मनोज बाजपेयी ग्रीन कॉरिडोर पहल को समय की मांग बताते हुए इसके बारे में जागरूकता फैला रहे हैं। हाल ही में सूरत से मुंबई के मुलंड में ग्रीन कॉरिडोर के मार्ग से आए हृदय से एक शख्स की जान बचा ली गई। इस हृदय प्रत्यारोपण के लिए मुंबई यातायात विभाग को मुलंड तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। सूरत के एक किशोर का ह्दय मुंबई के 43 वर्षीय व्यक्ति को प्रत्यारोपित किया जाना था।
यह पूरा मामला ट्रैफिक फिल्म की कहानी जैसा ही था। यहां भी प्रत्यारोपित किए जाने वाले हृदय को मुंबई के ट्रैफिक से गुजरना था लेकिन ग्रीन कॉरिडर ने ऑपरेशन को सफल बना दिया।
ट्रैफिक एक इनोशल थ्रिलर फिल्म है। इसकी कहानी हृदय प्रत्यारोपण के पेचीदा मामले को केंद्र में रखकर रची गई है। इसमें एक बच्ची के लिए मुंबई से पुणे प्रत्यारोपित किए जाने वाला हृदय पहुंचाया जाना है। इस मिशन में जो-जो मुश्किलें आईं। उसमें सबसे बड़ी कठिनाई ट्रैफिक था। ।
मनोज बाजपेयी अब खुलकर ग्रीन कॉरिडोर और हार्ट ट्रांसप्लांट के समर्थन में आ गए हैं। वह लोगों को समझा रहे हैं कि ग्रीन कॉरिडोर समय की जरूरत है।
मनोज बाजपेयी कहते हैं, “एक 17 साल के लड़के ने अपनी जिंदगी गंवा दी। लेकिन मुझे खुशी है कि उसकी मौत व्यर्थ नहीं गई। वह मरकर भी किसी को जिदगी दे गया। अंग प्रत्यारोपण ग्रीन कॉरिडोर जैसी बड़े पहल के कारण ही सफल हो पाया।
फिल्म में मनोज बाजपेयी के साथ जिमी शेरगिल, दिव्या दत्ता और सचिन खेड़ेकर हैं। फिल्म 6 मई को रिलीज हो रही है।
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