भोपाल, 19 नवंबर (जस)। मध्यप्रदेश के कृषि विकास एवं किसान-कल्याण मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि आज के ग्लोबल वार्मिंग के दौर में मकान निर्माण की तकनीक में परिवर्तन लाने की जरूरत है। इसमें कवेलू उद्योग की भूमिका महत्वपूर्ण है। बिसेन शनिवार को अर्थन रूफिंग टाइल्स निर्माता संघ की दो-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कर रहे थे।
बिसेन ने कहा कि मिट्टी आधारित उद्योगों में हमें आज के संदर्भ में नई तकनीक के साथ ही कम लागत के उत्पादन पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें आवास निर्माण के लिये ऐसी सामग्री उत्पादित करना होगी, जो घरों को मौसम अनुकूल रखे, ताकि नये संसाधनों का उपयोग कम हो। उन्होंने कहा कि मिट्टी से निर्मित होने वाली आवास निर्माण सामग्री से जुड़े उद्योगों के सामने चुनौतियाँ हैं, उससे वे अवगत हैं। सरकार इसके लिये ठोस कदम उठायेगी।
उन्होंने कहा कि इस उद्योग के जरिये हम बड़े पैमाने पर गाँव-गाँव में रोजगार उपलब्ध करवा सकेंगे। बिसेन ने कहा कि मिट्टी से निर्मित होने वाली सामग्री का व्यापक प्रचार-प्रसार करने की भी जरूरत है, जिससे हम अधिक से अधिक लोगों को इसके उपयोग के लिये प्रेरित कर सकेंगे।
फोडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया टाइल मेन्युफेक्चरिंग के अध्यक्ष के.सी. थामस एवं ऋषभ दास ने उद्योग के सामने उत्पन्न चुनौतियों से अवगत करवाया। लघु उद्योग भारती संघ के अध्यक्ष नेमिचंद जैन एवं विपिन जैन ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया।
संगोष्ठी में वाराणसी से आये सत्यप्रकाश ने कवेलू निर्माण की नई तकनीक के उपयोग के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
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