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ग्‍लेशियर टूटने से आई बाढ़ में लापता 150 लोगों में से 12 को बचाया गया

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चमोली ज़िले का मेप: इमेज साभार उत्तराखंड सरकार

ग्‍लेशियर टूटने के कारण उत्‍तराखंड के चमोली जिले में आई भीषण बाढ़ में लापता  लगभग 150 लोगों में से अब तक बारह लोगों को बचाया गया है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, देहरादून का कहना है कि रैणी, बिराजी, अलकापुरी और चिनिनका गाँवों से अब तक सात शव बरामद किए गए हैं।

ग्‍लेशियर टूटने के कारण उत्तराखंड में चमोली जिले के रैणी गाँव में धौलीगंगा नदी में 07 फरवरी,2021 को हुए हिमस्खलन के बाद बचाव और राहत का काम जोरों पर जारी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ के रैणी में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सचिवालय में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि इस आपदा में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 125 लोग लापता हैं।

रैणी क्षेत्र के 5 लोगों की भी जान गई है। अब तक सात लोगों के शव बरामद किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि मृतकों के आश्रितों को तात्कालिक रूप में 4-4 लाख की आर्थिक सहायता मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला उदेद्श्य जान माल की सुरक्षा का है।

आज सुबह जिले के तपोवन क्षेत्र में रैणी गाँव में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के पास धौलीगंगा नदी में हुए हिमस्खलन से बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई।

भीषण बाढ़ के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का नामोनिशान मिट गया है। बीते साल यहां पर बिजली उत्पादन का काम शुरू हो गया था। तपावन में दो टनल हैं। छोटी टनल के लोगों को बचा लिया गया है।

 

बचाव कार्य: टनल में फंसे मजदूर को बाहर निकालता बचाव दल

दूसरी टनल का बचाव काम जारी है और टनल से लोगों को निकाला जा रहा है। टनल के मुहाने पर भारी दलदल जमा हो गया है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि रैणी, बिराजी, अलकापुरी और चिनिनका गाँवों से अब तक सात शव बरामद किए गए हैं। लापता 150 लोगों में से अब तक बारह लोगों को बचाया गया है।

हिमस्खलन के कारण आई बाढ़ ने नदी के किनारे स्थित घरों को नष्ट कर दिया है। एनटीपीसी के आवासीय और कार्यालय परिसर के साथ पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

अलकनंदा नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है। बचाव और राहत कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और रक्षा कर्मियों की टीमें सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

भारतीय वायु सेना ने भी बचाव कार्यों के लिए अपने हेलिकॉप्टरों को तैनात किया है। दो आर्मी हेलीकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 200 से अधिक जवान काम कर रहे हैं। तपोवन क्षेत्र में चार सेना कॉलम, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है।

ऋषिकेश और हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न होए लेकिन कस्बों को सतर्क कर दिया गया है।

राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।नम्बर हैं हैं. आपदा संचालन केंद्र संख्या 1070 या 9557444486।