घर-घर तक बिजली पहुंचाने की योजना हो रही साकार

नई दिल्ली, 07 मार्च। केंद्र सरकार द्वारा 2020 तक देश के घर-घर तक बिजली पहुंचाने की योजना के मद्देनजर ‘दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ (डीडीयूजीजे) के तहत पिछले सप्ताह यानी 29 फरवरी से 06 मार्च, 2016 तक 314 गांवों का विद्युतीकरण किया गया। इनमें से उत्तर प्रदेश के 93, ओडिशा के 41, असम के 40, , छत्तीसगढ़ के 40, अरूणाचल प्रदेश के 31, झारखंड के 30, बिहार के 19, मध्य प्रदेश के 16, और राजस्थान के 04 गावं का विद्युतीकरण किया गया।

फोटो : ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए पॉवर सब-स्टेशन (सौ॰ डीडीयूजीजेवाई डॉट जीओवी डॉट इन)

उल्लेखनीय है कि उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा था कि आने वाले एक हजार दिनों में देश उन सभी घरों तक बिजली पहुंचाई जाएगी जहां अभी तक अंधेरा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन को देखते हुए भारत सरकार ने बचे 18,452 गांवों का विद्युतीकरण एक हजार दिन के भीतर करने का निर्णय लिया है। 20 मई, 2018 को 1000 दिन पूरे होंगे। इस परियोजना को मिशन के रूप में लिया गया है और विद्युतीकरण के लिए 12 महीने के भीतर क्रियान्वयन की कार्य सूची की रणनीति बनाई गई है। तय समय पर इस कार्यक्रम को पूरा करने के लिए इस पर निगरानी रखने के लिए 12 चरणों में बांटा गया है।

वर्ष 2015-16 में अब तक 6,156 गांवों का विद्युतीकरण कर लिया गया है। बचे हुए 12,296 गांवों में से 8,496 का विद्युतीकरण ग्रिड के जरिये 3,312 गांवों का ऑफ ग्रिड के जरिये और 488 गांवों का विद्युतीकरण राज्य सरकारों द्वारा किया जाएगा। अप्रैल 2015 से 14 अगस्त, 2015 तक 1,654 गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। और जब से सरकार ने इसे मिशन मोड के रूप में लिया है अतिरिक्त 4,502 गांवों का विद्युतीकरण 15 अगस्त, 2015 से 06 मार्च  तक कर दिया गया है।

इस संबंध में प्रगति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए है जिसमें ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) द्वारा मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और इसके अतिरिक्त आरपीएम बैठक के दौरान प्रगति की समीक्षा, विद्युतीकरण के स्तर वाले गांवों की सूची राज्य डिस्कॉम के साथ साझा करना और कम प्रगति वाले गांवों की पहचान करना शामिल हैं।