चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनकर भारत ने इतिहास रच दिया है।
इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट एक स्थल पर बिना किसी त्रुटि के लैंडिंग की। इस महत्वपूर्ण सफलता ने भारत के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण में मील का पत्थर स्थापित कर दिया।
लैंडिंग से 20 मिनट पहले तक कमांड सेंटर में पशोपेश की स्थिति दिख रही थी लेकिन जैसे ही विक्रम लेंडर ने चन्द्रमा की धरती को छुआ तो वैज्ञानिकों के चेहरे खिल गए और भारत की 140 करोड़ जनता ने इसरो की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की।
पीएम मोदी ने इस उपलब्धि के लिए भारतीयों और अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी. ‘भारत इस दिन को हमेशा याद रखेगा’ पीएम मोदी ने कहा.
इसरो टीम ने हाथ हिलाकर और अंगूठा उठाकर जश्न मनाया। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि यह असफलता से सीखा गया सबक था और आज वे सफल हुए।
उन्होंने कहा कि वे चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अब से अगले 14 दिनों का इंतजार कर रहे हैं। चेयरमैन ने जानकारी दी है कि लैंडर से मिले डेटा की समीक्षा के बाद रोवर प्रज्ञान नीचे लुढ़केगा।
चंद्रयान 3 मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल ने आज की सफलता के लिए पूरी चंद्रयान 3 की टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि लैंडर ने त्रुटिहीन लैंडिंग की और भारत ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।
चंद्रयान 3 मिशन की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना ने कहा कि यह उनके और उनकी टीम के लिए सबसे यादगार पल था और चार साल की कड़ी मेहनत के बाद आए इस पल को वह कभी नहीं भूल पाएंगी।
मिशन निदेशक एम श्रीकांत ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्टलैंडिंग के इस कठिन कार्य को हासिल करने के लिए इसरो की पूरी टीम को धन्यवाद दिया।
चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद, इसरो कमांड सेंटर ने चंद्रयान -3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित किया है। इसके बाद इसने लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे से उतरते समय ली गई तस्वीरें प्राप्त कीं। चंद्रमा की सतह के नजदीक की तस्वीरें इसरो ने ट्वीट की हैं।